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Sunday 13 March 2022

भारत को विकसित देश बनाने मे रिसर्च एवं इनोवैशन की अहम भूमिका होगी –केंद्रीय मंत्री आर के सिंह

भारत को विकसित देश बनाने मे रिसर्च एवं इनोवैशन की अहम  भूमिका होगी –केंद्रीय मंत्री  आर के सिंह 



पटना, 13मार्च 2022

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना में “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी  में अनुसंधान अवसंरचना और उद्यमिता को बढ़ावा (Promotion of Research Infrastructure in Science & Technology) देने” विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला के आयोजन का उद्घाटन आज 13 मार्च 2022 को मुख्य अतिथि राज कुमार सिंह, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री(स्वतंत्र प्रभार), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री,भारत सरकार ने किया।

मौके सम्माननीय अतिथि  सैयद शहनवज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार, विशिष्ट अतिथि अशोक चौधरी,भवन निर्माण मंत्री, बिहार सरकार, विशिष्ट अतिथि सेक्रेटरी आर के पाठक, टेक्नॉलजी डेवलपमेंट बोर्ड भारत सरकार तथा प्रो. टी एन  सिंह, निदेशक आईआईटी साथ ही  पावर ग्रिड के पूर्व चेयरमैन तथा आईआईटी भुवनेश्वर के BoG के चेयरमैन डा आर पी सिंह एवं आईआईएम बोध गया के डायरेक्टर, एनआईटी पटना एवं iiit भागलपुर के डायरेक्टर उपस्थित थे। 

तीन दिवसीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्रालय एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार आईआईटी पटना को हर संभव रिसर्च  एंड इनोवेशन के क्षेत्र में मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने बिहार के लोगों को अपनी मानसिकता बदलने पर बल दिया। श्री सिंह ने अपने संबोधन के दौरान पावर डेफ़िसिएन्ट से पावर सरप्लस होने की यात्रा को साझा किया। विकसित राष्ट्र की तुलना में रिसर्च इनोवैशन के क्षेत्र में हमारे देश में आशातीत प्रगति की है। इनोवेशन एवं entrepreneurship के स्तर को बढ़ावा देने के क्षेत्र में ओरियंटेशन, साइकोलॉजि, कल्चर तीन प्रमुख समस्याएं हैं, लेकिन सकारात्मक मोटिवेशन के बल पर आज हम दुनिया के एक प्रमुख स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहे हैं। विकसित देश रिसर्च के महत्व को समझते हैं। उन्होंने देश के उद्योगों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट में और अधिक बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने अपने उद्बोधन के दौरान कहा कि रिसर्च का कमर्शलिज़ैशन विकास की रफ्तार को गति प्रदान करेगा। उन्होंने आईआईटी पटना को रिसर्च एवं इनोवेशन के क्षेत्र में नवीन कार्य करने पर बल दिया तथा उनके अनुसंधान को हर प्रकार का मदद करने का आश्वासन दिया। 

मौके पर बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार प्रारंभ से नवीन विचारों को जन्म देने वाली की भूमि रही है और यहां के लोग एवं छात्र हर टाइम माइंड के होते हैं। हमें आधुनिक गणित विज्ञान की कल्पना रिसर्च एंड डेवलपमेंट के बिना अधूरी है। यह युग ज्ञान का है एवं ज्ञान का सही परिमार्जन शोध के बगैर संभव नहीं है। आईआईटी पटना एवं बिहार सरकार के बिहार एवं भारत को आत्मनिर्भर बनाने के क्षेत्र में निरंतर प्रयासरत है।

समारोह को संबोधित करते हुए  शाहनवाज हुसैन,उद्योग मंत्री, बिहार सरकार  ने  कहा,राज्य सरकार के उद्योग विभाग एवं आईआईटी पटना के संयुक्त कलैबरैशन में प्रारंभ की गए "ज़ीरो लैब" के महत्व पर प्रकाश डाला तथा उन्होंने कहा कि आने वाला युग उद्यमियों का है। एवं छात्रों एवं युवाओं को उद्यमीट के क्षेत्र में आगे आना चाहिए।

कार्यक्रम के अतिथियों का स्वागत करते हुए आईआईटी पटना के डायरेक्टर प्रो टी एन सिंह ने कहा कि अपने स्थापना काल से ही आईआईटी पटना रिसर्च एवं इनोवैशन के क्षेत्र मे उत्कृष्ट प्रयास कर रहा है। प्रो सिंह ने राज्य के अन्य तकनीकी संस्थानों मे टेक्नॉलजी एवं इनोवैशन के लिए मजबूत कलैबरैशन स्थापित करने के लिए आईआईटी पटना  के प्रयासों को उद्धृत किया साथ ही आईआईटी पटना में प्रकल्पित एवं एक उत्पाद के रूप मे विकसित बैटरी मैनिज्मन्ट सिस्टम (bms) तथा लिथीअम ion बैटरी चालित कम वजन वाले इंवर्टर के बारे मे बताया तथा कार्यक्रम के अगले चरण मे इस इंवर्टर का सम्माननीय अतिथियान के द्वारा विमोचन किया गया। यह भारत मे विकसित तथा निर्मित प्रथम बैटरी मैनिज्मन्ट सीस्टम है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन मे सुरक्षा के लिए आवश्यक है। 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में बने सुटके में इंवर्टर इस महीने आम लोगों के उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। डीआरडीओ एवं डीएसटी के परियोजना के तहत आइआइटी, पटना के विशेषज्ञों ने इसे तैयार किया है। हलके वजन, दीर्घ जीवन काल और कॉम्पैक्ट डिजाइन वाले लिथीअम आयन बैटरी के साथ लगे इस सुटकेश इंवर्टर  की वजन 6-15 किलोग्राम के बीच है जिसकी ऊर्जा क्षमता 250, 500, 850 और 1000 वी ए है। यह माइनस 15-20 डिग्री तापमान में भी आसानी से एक बार चरगे होने के बाद एक सप्ताह तक कार्यरत रहेगी। यह विशेष कर सेना में उपयोग के लिए बनाया गया है। आइआइटी के पास इसका पेटेंट है।

प्रो ए के ठकुर ने कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य बिहार में शैक्षनिक संस्थानों के प्राध्यापकों, युवा छत्रों और उद्यमियों के बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि उन्हें अल्पकालिक और दीर्घकालिक पारीयोजनाओं के माध्यम से सामाजिक प्रासंगिकता के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास (R&D) से संबंधीत समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए उत्प्रेरीत किया जा सके। 

कार्यशाला के प्रथम दिन के दूसरे सत्र में विभिन्न प्रकार के विभिन्न विशेषज्ञों के द्वारा पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया जिसमें से प्रमुख रूप से राजेश कुमार पाठक, सेक्रेटरी टेक्नोलॉजी, डेवलपमेंट बोर्ड, भारत सरकार एवं प्रोफेसर पीके जैन डायरेक्टर एनआईटी पटना ने भाग लिया। टी ब्रेक के बाद अगले चरण की पैनल डिस्कशन  में प्रोफेसर अरविंद चौबे डायरेक्टर ट्रिपल आईटी भागलपुर तथा प्रोफेसर देशदीप सहदेव, चेयरपर्सन डीडीपी पेनल, डी स टी, आईआईटी कानपुर ने भाग लिया।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रियंका त्रिपाठी ने किया तथा आभार प्रोफेसर जावर सिंह ने दिया।

इस तीन दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिन देश के विभिन्न भागों से एवं बिहार एवं झारखंड के विभिन्न एजुकेशन इंस्टिट्यूट एवं उद्योग जगत के करीब 250 से ज्यादा प्रतिभागी ने भाग लिया। कार्यशाला का अगले चरण दिनांक 14 और 15 तारीख को विभिन्न पैनल डिस्कशन एवं विशिष्ट अतिथियों के उद्बोधन शामिल रहेंगे।

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