जिला में फाइलेरिया उन्मूलन को ले नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति
-स्वास्थ्य विभाग व सीफार के संयुक्त प्रयास से लोगों को किया गया जागरूक
-कुल चार जगहों पर कालाकारों ने लोगों को बीमारी व उपचार की दी जानकारी
-आमजनों ने की स्वास्थ्य विभाग व सीफार के आयोजन की सराहना
समस्तीपुर ,3 मई। स्वास्थ्य विभाग व सहयोगी एजेंसी सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार ) के सहयोग से जिला के चार प्रखंड के विभिन्न गांव में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में पटना से आयी रंगकर्मियों की टीम ने आमजन को कला के माध्यम से फाइलेरिया से बचाव व उपचार की जानकारी दी। नुक्कड़ नाटक को देखने के लिये प्रखंडों में लोगों की भीड़ जुट गयी। लोगों ने इस पहल के लिये विभाग व सीफार की सराहना की। बता दें कि कार्यक्रम सोमवार व मंगलवार को आयोजित किया जायगा। नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति के बाद आधा दर्जन से अधिक टीम के सदस्य अन्य जिले के लिये रवाना हो गये। बता दें कि अभियान की जानकारी जन- जन तक पहुंचाने के लिए लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम गाँव धुर्वगामा ब्रह्मम स्थान,वार्ड नम्बर-05 प्रखंड कल्यानपुर, गाँव गंगापुर
वार्ड नम्बर-09, प्रखंड पूसा, गाँव आधारपुर, वार्ड नम्बर-06, प्रखंड ताजपुर, बारापत्थर, प्रखंड जितवारपुर में आयोजित किया गया। नुक्कड़ नाटक के जरिए कलाकारों ने समुदाय को फाइलेरिया के लक्षण बताने के साथ बचाव के तरीकों और 5 मई से चलने वाले नाइट ब्लड सर्वे अभियान के दौरान निश्चित रूप से दवा सेवन का संदेश अपने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया। कलाकारों ने यह भी बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर यह दवा हर किसी को खानी है। वही कार्यक्रम का निगरानी डीएमओ डॉ विजय कुमार के द्वारा किया जा रहा था. मौके पर बिहार के जिला समन्वयक अमित कुमार विपुल,वीभीडीसीओ जितेंद्र कुमार, केयर इंडिया के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर बलवंत कुमार, केबीसी मुरलीधर मिश्रा, गुलशन कुमार तथा संबंधित प्रखंड आशा फैसिलिटेटर व आशा कार्यकर्ता मौजूद थे।
फाइलेरिया की गंभीरता को लोगों ने समझा-
ताजपुर मे आयोजित नुक्कड़ नाटक देखने आये 65 वर्षीय रामचंद्र पासवान व अन्य लोगों ने बताया कि नुक्कड़ नाटक की शुरुआत होने पर उत्सुकता बढ़ गयी। कलाकारों ने बहुत अच्छे तरीके से फाइलेरिया की गंभीरता को समझाया। कहा कि कलाकारों ने अपने संदेश में बताया कि साल में केवल एक बार फाइलेरियारोधी दवा खाने से फाइलेरिया की बीमारी से बचा जा सकता है। कलाकारों की प्रस्तुति सराहनीय है। बताया कि वह खुद अभियान के तहत घर- घर पहुंचकर मुफ़्त खिलाई जाने वाली दवाओं का सेवन करेंगे और परिवार व आस-पास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
मच्छर के काटने से होने वाला रोग है फाइलेरिया:
वीभीडीसीओ जितेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिये आमजन का सहयोग अपेक्षित है। बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। जिसे सामान्यतः हाथीपाँव के नाम से भी जाना जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन की समस्या आती है। इस अभियान के तहत दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाएगी।
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