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रविवार, 9 जुलाई 2023

भोले शंकर के डमरू के स्वर में प्राकृतिक संगीत व्याप्त

 ---शिवालयों में बज रहे  भगवान शंकर के डमरू के स्वर में प्राकृतिक संगीत व्याप्त है

 ----सावन मास का पहला सोमवार शिव को समर्पित है





पूरे भक्ति भाव से कांवर यात्रा संपन्न करेंगे तो हमारे अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा -- शिव भक्त* 

मधुबनी ,सिटी रिपोर्टर

सावन का महीना आरंभ हो गया है ।

   शहर से गांव तक के शिवालयों में शिव भक्तों के द्वारा आज नदियों से जल लेकर उनका अभिषेक किया जाएगा । शिव और सावन का अटूट रिश्ता है।  जहां प्रकृति अपने को नायब तरीके से गढ़ती है और शिव प्रकृति के ही देवता हैं। 

मधुबनी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर   दूर दराज से शिव भक्तों के चेहरे की की मुस्कान देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि उनके अंदर नए चेतना का संचार हो रहा है । आसमान में लगे काले काले बादल तो कभी रिमझिम फुहारों से तन मन प्रफुल्लित किए हुए भोला बाबा की  संगीत मय जय कारा की गूंज से आस पास का माहौल भक्ति मय हो गया है। 

जलाअभिषेक करने जा रहे भगवान शिव  आराध्य लीला मंडल, सिंधु ठाकुर, अश्विनी देवी, शिवाली यादव , कनक श्रीवास्तव, पार्वती मिश्रा , जय मां भारती सिन्हा, शिव  सागर सिंह, शंभू शरण गुप्ता, बद्री नारायण महतो, फुलेश्वर पंडित, सुमन यादव शिरोमणि यादव, नीलकंठ प्रसाद सहित भक्तों ने कहा कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है । शिव की आराधना से विशेष फल की प्राप्ति होती है। उन लोगों ने कहा कि जिसने कावड़ यात्रा के जरिए शिव की आराधना कर ली वह धन्य हो जाता है।

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि हम लोग नाचते गाते इस यात्रा को तय करेंगे ।

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