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Monday 11 December 2023

महागठबंधन में जाते ही नीतीश कुमार को याद आता विशेष राज्य का दर्जा : प्रशांत किशोर

 'नीतीश कुमार ने फिर से की विशेष राज्य की मांग' प्रशांत किशोर का तंज, बोले जब नरेंद्र मोदी के साथ थे तो एक बार भी मुंह से गलती से भी नहीं निकली विशेष राज्य की बात, महागठबंधन में जाते ही करने लगे मांग

    


मधुबनी




बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में एक फिर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाला मामला उठाया। हाल के दिनों में अगर देखा जाय, तो सुशासन बाबू कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर चुके हैं। उनके विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी के साथ थे तो एक बार गलती से भी उनके मुंह से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की बात नहीं निकली। तब संसद में खड़े होकर जदयू के नेता नरेंद्र मोदी को महामानव बता रहे थे। जैसे ही महागठबंधन में आए वैसे ही नीतीश कुमार की अंतरात्मा परिवर्तित हो गई और उनको विशेष राज्य का दर्जा दिखने लगा। अगर फिर से भाजपा में चले गए तो कहेंगे कि अरे भाई! छोड़िए न विशेष राज्य का दर्जा कोई मुद्दा है। किसी को कुछ समझ आता है। अगर आपको ही सब समझ में आता है तो आप ही सुधार दीजिए। जिस आदमी को कुछ भी समझ नहीं आता है, तो उसको पूरी दुनिया मूर्ख दिखती है। इसलिए नीतीश कुमार को सब लोग मूर्ख दिखते हैं, क्योंकि उनकी अपनी समझ नहीं रह गई है। नीतीश कुमार की उम्र हो गई है, 75 साल से ज्यादा की उनकी आयु हो गई है। 


प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार सामाजिक-राजनीतिक तौर पर घिर गए हैं और वह क्या बोलते हैं, उनको खुद नहीं पता है। विधानसभा में खड़े होकर उन्होंने जो वक्तव्य दिया उसके बाद पूरे देश में हंसी के पात्र बन गए। पूरे देश में बिहार के लोगों को शर्मशार किया। वो जो हुआ तो हुआ फिर अगले दिन जो माफी मांगी, तो उनके माफी मांगने के तरीके को देखिए तो लग रहा है कि हंस रहे हैं, रो रहे हैं या दुखी हैं या खुश हैं। बोलना कुछ चाहते हैं और बोल कुछ और जाते हैं। करना कुछ चाहते हैं और कर कुछ और जाते हैं। इसीलिए लोग कह रहे हैं कि भइया! उनका दिमाग स्थिर नहीं है। जब आप अकेले हो जाते हैं, तो इस तरह की बेचैनी होने लगती है। उनकी राजनीतिक जमीन खिसक गई है, उनको ये तो समझ है। इसलिए उलूलजुलूल बोलते रहते हैं। उनके ज्यादातर बयान सुनेंगे, तो वह कहते मिलेंगे कि अरे भाई! छोड़िए ये सब कोई मुद्दा है।


प्रशांत किशोर ने बताया बिहारियों के पिछड़ेपन की बड़ी वजह; बोले दक्षिण भारत में कोई ऐसा राज्य नहीं जहां पर 10 साल से ज्यादा कोई मुख्यमंत्री रहा हो, लेकिन बिहार में 32 साल से है लालू-नीतीश का राज, यहां लोकतंत्र को खत्म कर दिया, पहले ये रहेंगे, फिर उसके बाद इनके बेटे।

प्रेस वार्ता कर प्रशांत किशोर ने कहा कि दक्षिण भारत के जितने भी राज्य हैं केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, वहां कोई ऐसा राज्य नहीं है जहां दस साल से ज्यादा कोई मुख्यमंत्री रहा हो। लेकिन, बिहार में बीते बत्तीस साल से लालू-नीतीश का राज है। यहां लोकतंत्र को ही खत्म कर दिया है, ये रहेंगे फिर उसके बाद इनके बेटे। अगर, आपको मालूम है कि परीक्षा में अस्सी परसेंट आना ही है, तो पढ़ेंगे क्यों। अगर, नेता को मालूम है कि जनता उसे ही वोट देगी ही तो वो काम करेगा क्यों।


प्रशांत किशोर ने कहा जितने भी गांवों में मैं अभी तक गया हूं दलितों के बाद सबसे ज्यादा गरीबी, फटेहाली मुझे मुसलमानों के गांवों में देखने को मिली है। लेकिन, वही मुस्लमान जब कहता है हमारे यहां सड़क खराब है, नाली-गली ठीक नहीं है, नल-जल का पानी नहीं मिलता, अस्पताल नहीं है, स्कूल नहीं है। तब मैं उनसे पूछता हूं कि सड़क एवं परिवहन विभाग के मंत्री कौन हैं, तेजस्वी यादव, ग्रामीण विकास कार्य मंत्री कौन हैं, तो तेजस्वी यादव, आप कहते हैं बच्चे बीमार पड़ते हैं, अस्पताल नहीं है, तो स्वास्थ्य विभाग के मंत्री कौन हैं, तेजस्वी यादव, आप कहते हैं मधुबनी-दरभंगा में सड़क खराब है, तो शहरी विकास मंत्री कौन हैं, तेजस्वी यादव। फिर जब वोट होगा, तो सारे मुसलमान उठकर तेजस्वी यादव को वोट देंगे। तो सुधार कैसे होगा। तेजस्वी यादव को भी यह पता है कि ये लोग हमें ही वोट देंगे, ये बंधुआ मजदूर हैं। यही हाल भाजपा के वोटरों का भी है। भाजपाईयों को ये पता है कि काम हो चाहे ना हो, जो भी लालू जी से डरते हैं वो वोट हमें ही देंगे। अशोक पेपर मील चालू नहीं हुआ तो मोदी जी चालू क्यों नहीं करा दे रहे हैं। दरभंगा से सांसद जीताकर भेजा है, बावजूद इसके पेपर मील चालू नहीं हुआ। सारी शिकायतों के बाद जब वोट होगा तो लोग कहेंगे कि लालू से अच्छा तो मोदी ही है और उसे वोट दे देंगे।

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