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शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में कोशी दुग्ध उत्पादन समिति का मिला साथ

 फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में कोशी दुग्ध उत्पादन समिति का मिला साथ 









- स्वास्थ्य विभाग व पीसीआई के संयुक्त तत्वाधान में प्रबंध निदेशक व 300 कर्मियों ने पहली बार खाई फाइलेरियारोधी दवा

- सर्वजन दवा का सेवन कर हाथीपाँव से हुए सुरक्षित

- लगातार 5 वर्ष तक दवा सेवन कर हो सकते हैं सुरक्षित



सुपौल : 24 फ़रबरी



फाइलेरिया जैसे गम्भीर रोग से बचाव के लिए जिले में सभी स्वस्थ लोगों को आशा व स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में सर्वजन दवा का सेवन कराया जा ऱहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग एवं पीसीआई के संयुक्त तत्वाधान में जिले के कोशी दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति सुपौल के प्रबंध निदेशक के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के बीच फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन के लिए बूथ स्थापित कर डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रबंध निदेशक मोहम्मद हामिद उद्दीन ने दवा खाकर किया। इसके बाद यूनिट के 300 कर्मचारियों ने दवाएं खाई। प्रबंध निदेशक ने बताया हम लोगों ने पहली बार अपने जीवन में फाइलेरिया की दवा खाई है. फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से बचाव के लिए सभी लोगों को सर्वजन दवा का सेवन कर खुद को सुरक्षित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर दवा सेवन करने को यह टीम फाइलेरिया दवाओं के साथ में हम लोगों के बीच पहुंची। उन्होंने लोगों से अपील किया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए जरूर दवा खाएं. स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा हम लोगों के बीच दवा खिलाने से पहले इस बात की पड़ताल की गई कि दवा खाने वालों में कोई खाली पेट या गंभीर रोग से पीड़ित न हो। 


लगातार 5 वर्ष दवा सेवन कर हो सकते हैं सुरक्षित-


पीसीआई के असिस्टेंट स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अमरेश कुमार ने बताया कि कोशी दुग्ध उत्पादन समिति के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारियों को को इस बात की भी जानकारी दी गई कि लगातार पांच साल तक फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी के शरीर में फाइलेरिया के कृमि होते भी हैं तो वह समाप्त हो जाते हैं। अगर किसी को हल्का फुल्का साइड इफेक्ट हो तो घबराए नहीं यह स्वतः ठीक  हो जाता है।


मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया:

भीडीसीओ विपिन कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी जनित रोग  है। जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण शुरू में स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। इसके लक्षण आने में कभी कभी सालों लग जाते है। प्रायः फाइलेरिया मरीजों में बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथीपांव और  अंडकोषों की सूजन, फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इससे बचाव के लिए विभाग द्वारा साल में एकबार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है। 


मौके पर एमओआईसी अभिषेक कुमार, भीडीसीओ विपिन कुमार, बीसीएम रश्मि कुमारी, सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक मोहम्मद हामीदुद्दीन, पीसीआई के जिला कोऑर्डिनेटर प्रिंस कुमार, विजय कुमार,पिरामल बीसी चंदन कुमार एवं पिंकी कुमारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

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