जयनगर में धूमधाम से मनाया गया ईद मिलादुन्नबी : निकाली गई जुलूस
साभार : सुमित कुमार राउत
जयनगर
मधुबनी जिला के जयनगर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के द्वारा पैगम्बर ए इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिवस के अवसर ईद ए मिलाद उन नबी के रूप में मनाते हुए क्षेत्र में जुलूसे मुहम्मदी निकाली गई एवं हर्षोल्लास धूमधाम के साथ जन्मदिवस मनाया गया। जुलूस में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के बुजुर्गों युवाओं युवतियों महिलाओं बच्चों ने भाग लिया और एक दूसरे को पैगम्बर साहब की जन्मदिवस की बधाई दी। जूलुश के माध्यम से पैगम्बर साहब के तालीम मानव समाज के फलाह तरक्की और ख़ुशनूदी उनके पैगाम प्रेम सहिष्णुता शांति विश्व बंधुत्व सौहार्द आपसी भाई चारे का संदेश दिया। जुलूसे मुहम्मदी समापन्न होने पर वहां के इस्लाम धर्मावलंबियों ने लोगों को पैगंबर मोहम्मद साहब के बताएं रास्तें पर चलने का अपील किया, जिसमें भाईचारा-अमन के मार्गों पर चलना शामिल हैं। राजपुताना मुहल्ला रजा टोला के इमाम मौलाना रजाउल्लाह आलिमी ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है। विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि अल्लाह ने लाखों नबी और पैगंबर को इस दुनिया में भेजा है। उन सभी में सबसे अंतिम नबी हजरत मोहम्मद हैं, जिनका जन्म अरब के शहर मक्का में हुआ। मुस्लिमों के कैलेंडर जिसे हिजरी कैलेंडर कहते हैं। उसके अनुसार तीसरे महीने रबी ऊल अव्वल की बारहवीं तारीख को पैदा हुए थे। इस लिए मुस्लिम समुदाय में आमतौर से इस दिन को 12 रबी ऊल अव्वल भी कहते हैं, जिसे ईद मिलादुन्नबी भी कहा जाता है। मोहम्मद साहब ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया। जैसे गुलामी की प्रथा खत्म करने के लिए अथक प्रयास किया। बेटियों को जिंदा दफन करने की प्रथा को समाप्त किया। महिलाओं को सम्मान और अधिकार दिया। शहरी क्षेत्र के राजपुताना मुहल्ला रजा टोला से पूर्व मुखिया इदरीस मंसूरी के नेतृत्व में मौलाना मो. रजाउल्लाह आलिमी, अली हसन, मो. मुस्तुफा, हाफिज कलीम अशरफ, मो. साबीर के देख-रेख में खाने काबा व मदीना शरीफ पर भव्य झांकी निकाली गई।
वहीं, बलडिहा मुहल्ला से सरपंच जहांगीर, पंचायत समिति सदस्य मो.अकबर,मोहम्मद सदाम,मोहम्मद लालबाबू ईसलामपुर मुहल्ला से मो. शमसुल, मो. कैशर भेलवा टोला मुहल्ला से मौलाना मुश्ताक नूरी, मो. सहाबुद्दीन, मो. सिकंदर ईदगाह टोला से हाजी डॉ अताउर्हमान, मौलाना इम्तियाज रिजवी, अशरफ रजा एवं बेला से जमीर मास्टर के देख-रेख में विभिन्न मार्गों चौक-चौराहा होकर जुलूसे मोहम्मदी निकाली गई।
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