सरिसब-पाही में अतिक्रमण हटाने हेतु हाइकोर्ट में PIL दाखिल
रिपोर्ट : उदय कुमार झा
मधुबनी : 01:05:2025
मधुबनी ज़िला के पंडौल प्रखण्ड अन्तर्गत सरिसब-पाही में सड़क किनारे अतिक्रमण देखा जा सकता है । सरिसब-पाही (पूर्वी) पंचायत के वार्ड संख्या-12 के वार्ड सदस्य भरत कुमार इस अतिक्रमण के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों से निरन्तर सम्बन्धित अधिकारियों को सूचित करते रहे हैं । अतिक्रमण के कारण सड़क दुर्घटनाएँ भी हुई हैं, जिसकी रिपोर्ट मीडिया में आती रही है । 2023 ई.में पंडौल के अंचल अमीन द्वारा सड़क की नापी की गई और अतिक्रमणकारियों की रिपोर्ट विभागीय पदाधिकारियों को दी गई । इस इलाके से तीन पंचायतों के लोग गुजरते हैं, दो महाविद्यालय, एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, यूनियन बैंक, डाकघर, सरिसब-पाही पुलिस पिकेट आदि जुड़े हुए हैं और लगभग तीस हजार आबादी जुड़ी हुई है । इतनी बड़ी आबादी और सघन बस्ती से NH-27 सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है ।
इस खतरनाक अतिक्रमण को खाली करवाने के लिए वार्ड सदस्य भरत कुमार जब सभी विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर थक गए, तब उन्होंने ज़िला जनशिकायत निवारण पदाधिकारी को आवेदन दिया । उस कार्यालय से पथनिर्माण विभाग के कार्यपालक अभियन्ता को इस सम्बन्ध में उचित कार्रवाई का निर्देश दिया गया, किन्तु परिणाम वही ढाक के तीन पात । फलतः थक-हारकर भरत कुमार ने पटना उच्च न्यायालय में पीआईएल दायर किया - CWJC - 10842/2025 , दिनांक - 29/04/2025 । अब इस मामले में एसीएस, पथनिर्माण विभाग, बिहार सरकार, पटना, ज़िला पदाधिकारी, मधुबनी, कार्यपालक अभियंता, पथनिर्माण विभाग, मधुबनी, अंचल अधिकारी, पंडौल, थानाध्यक्ष, पंडौल एवं सरिसब-पाही पुलिस पिकेट प्रभारी तक को बिहार सरकार की ओर से पक्ष बनाया गया है । अब सरिसब-पाही निवासियों की नज़र माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा की जानेवाली सुनवाई पर टिक गई है । लोगों में चर्चा का विषय यह बन गया है कि इतने दिनों तक अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई न करनेवाले पदाधिकारियों के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय की ओर से अब किस प्रकार का आदेश पारित होता है । यद्यपि, युवा एवं तेज़-तर्रार अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र ने कहा कि इस मामले में जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई होने की पूरी सम्भावना है ।
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