*जिला स्तरीय खरीफ महाअभियान*
....नगर भवन में आयोजित हुआ प्रशिक्षण सह कार्यशाला कार्यक्रम
*जलवायु अनुकूल खेती पर जोर, किसानों को वैज्ञानिक तकनीको से मिलेगा फायदा*
मधुबनी,सिटी रिपोर्टर संदीप
कुमार
जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि जलवायु अनुकूल खेती किसानों के लिए आज के समय में एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है, जो न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करता है।
*वैज्ञानिक तकनीकों पर जोर*
डीएम ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
भूगर्भ जल रिचार्ज तकनीक, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संरचना, इको-सिस्टमेटिक एग्रीकल्चर, फर्टिलाइजर और सिंचाई के समय में बदलाव, और कम पानी में उगने वाली फसलों की खेती जैसे उपायों को अपनाकर किसान जल संकट से निपट सकते हैं।
जीरो टाइल तकनीक, समेकित कीट प्रबंधन और बीज वितरण कार्यक्रम जैसे प्रयासों से फसल की गुणवत्ता में सुधार संभव है।
*पानी है खेती का मुख्य आधार*
डीएम ने किसानों से अपील की कि वे पानी की हर बूंद को बचाएं, क्योंकि पानी खेती का मुख्य आधार है। वर्तमान में जल स्तर नीचे जा रहा है, ऐसे में जल संचयन संरचनाएं और रैन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसे उपायों को अपनाना आवश्यक हो गया है।
*कई विभागों की सहभागिता*
प्रशिक्षण सह कार्यशाला में कृषि, उद्यान, मत्स्य, पशुपालन समेत विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने भाग लिया और किसानों को संबंधित योजनाओं की जानकारी दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सूर्य ऊर्जा योजना, स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग, और परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने पर विशेष चर्चा की गई।
*मौसम अनुकूल खेती पर वैज्ञानिकों ने किया* *प्रोत्साहित*
कार्यक्रम में बाहर से आए कई वरीय वैज्ञानिकों ने मौसम अनुकूल खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया। मोटा अनाज के उत्पादन और विपणन पर भी विस्तार से चर्चा की गई, जिससे किसानों को आय के नए स्रोत मिल सकें।
*जन संवाद और आवेदनों का निष्पादन*
कार्यक्रम में जीविका समूहों के माध्यम से जन संवाद भी आयोजित किया गया, जिसमें किसानों की समस्याएं सुनी गईं और कृषि संबंधित आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया।
इस अवसर पर जिले भर के सैकड़ों किसान नगर भवन पहुंचे और विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेकर लाभान्वित हुए।
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