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Monday 8 May 2023

रेडक्रॉस एक मानवीय संस्था : एसपी सुशील कुमार

 मधुबनी के एसपी सुशील कुमार ने माल्यार्पण कर मनाया रेडक्रॉस दिवस : सेवा करने और नए सदस्य बनाने का लिया गया प्रण


*अजय धारी सिंह*


*मधुबनी:* सोमवार को मधुबनी रेडक्रॉस के उपाध्यक्ष सह मुख्य अतिथि एसपी सुशील कुमार और विशिष्ट अतिथि सदर एसडीओ अश्विनी कुमार ने माल्यार्पण कर मनाया रेडक्रॉस दिवस। सेवा करने और नए सदस्य बनाने का लिया गया संकल्प ।


सोमवार को मधुबनी रेडक्रॉस भवन में माल्यार्पण कर मनाया गया रेडक्रॉस दिवस। कार्यक्रम की शुरुआत रेडक्रॉस के सचिव डॉक्टर गिरीश पाण्डेय द्वारा रेडक्रॉस की महत्ता बता कर की गई। इसके बाद उन्होंने पूर्व में रेडक्रॉस द्वारा किए गए कार्यों और उपस्थित आजीवन सदस्यों से मुख्य अतिथि एसपी सुशील कुमार और विशिष्ट अतिथि सदर एसडीओ अश्विनी कुमार से परिचय कराया। तत्पश्चात मधुबनी रेडक्रॉस के उपाध्यक्ष सह मुख्य अतिथि एसपी सुशील कुमार और विशिष्ट अतिथि सदर एसडीओ अश्विनी कुमार ने जिन हेनरी डूऑनट की मूर्त्ति पर माल्यार्पण किया। मुख्य अतिथि और रेडक्रॉस के उपाध्यक्ष एसपी सुशील कुमार ने कहा कि रेडक्रॉस एक मानवीय संस्था है, पूरे विश्व में इसकी एक अलग अंतरराष्ट्रीय पहचान है। यह मानव आपदा और राहत में सदैव तत्पर रहने वाली संस्था है। देश के सुदूर इलाके और अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक पड़ने वाले मधुबनी जिले में इसने हमेशा ही आगे बढ़कर काम किया है। मौके पर विशिष्ट अतिथि सदर एसडीओ अश्विनी कुमार ने कहा कि रेडक्रॉस का कार्य सराहनीय रहा है और आशा है कि आगे भी रेडक्रॉस आमजन के लिए ऐसे ही कार्य करता रहेगा। रेडक्रॉस जिले भर में और काम करे इसके लिए प्रशासन से उन्हें हरसंभव मदद मिलती रहेगी, जिसके लिए हम शुभकामना देते हैं। 


मौके पर बोलते हुए रेडक्रॉस के सचिव डॉक्टर गिरीश पाण्डेय ने कहा कि 8 मई 1828 को जिन हेनरी डूऑनट का जन्म हुआ था, इन्हें हेनरी ड्यूनेन्ट के नाम से भी जाना जाता। स्विस व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता, रेड क्रॉस के संस्थापक थे और नोबल शांति पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता भी थे। उनके जन्मदिवस को हम "रेडक्रॉस दिवस" के रूप में मनाते हैं। 1859 में एक व्यापार यात्रा के दौरान, ड्यूनेन्ट आधुनिक इटली में सॉलफेरिन की लड़ाई के गवाह थे। यात्रा के क्रम में उन्होंने युद्ध में कई घायलों को देखा और उनकी सेवा किया। उसके बाद उन्हें इस तरह की संस्था की पूर्णकालिक रूप से चलने की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने अपनी यादें और अनुभवों को एक मेमोरी ऑफ़ सॉलफिरोनो में दर्ज किया, जो 1863 में रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के निर्माण से प्रेरित था।

1864 का जेनेवा कन्वेंशन रेडक्रॉस




का विचार रेडक्रॉस के गठन का आधार बना। 1910 में उन्हें फ्रेडरिक पासी के साथ मिलकर हेनरी ड्यूनेन्ट को पहली स्विस नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1919 ई० में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जेनेवा कन्वेंशन में उन्होंने रेडक्रॉस की स्थापना की। भारत में रेडक्रॉस सोसायटी ऑफ इंडिया की स्थापना 1920 में हुई। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हैं, उसी तरह राज्य में राज्यपाल और जिला के जिलाधिकारी इसके जिलाध्यक्ष होते हैं। रेडक्रॉस कोई एनजीओ नहीं है, इसका अपना एक्ट है, जिसके अनुसार  यह संचालित होता है। भूकंप, बाढ़ और अन्य सभी तरह की आपदा के समय रेडक्रॉस हमेशा से कार्य करता रहा है। कोरोना में गिलेशन बाजार में इंद्र भूषण रमण, सप्पू बैरोलिया, अजय धारी सिंह और अमित महासेठ ने सफलतापूर्वक जनता के लिए सेंटर चलाया। बाद में ऐसे और भी 4 सेंटर खोल कर चलाए गए। प्रो० नरेंद्र नारायण सिंह निराला ने कहा कि पूरे विश्व में यूएनओ और रेडक्रॉस दो ही संस्था सर्वमान्य है। उन्होंने कहा कि 2023 में रेडक्रॉस का थीम है "Find the volunteer inside you" अर्थात अपने अंदर के स्वयंसेवक को पहचाने"। इसलिए सभी अपने जैसे स्वयंसेवक सदस्य को जोड़ने का प्रण लें। आपदा के समय सेवा में रेडक्रॉस हमेशा से सबसे आगे रहा है जिसमें हमलोग हमेशा से सहयोग करते आ रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। मौके पर प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य जहीर परसौनवी, प्रो० इस्तियाक अहमद, प्रह्लाद पूर्वे, ज्योति रमण झा, एस० एन० लाल, दीपक कुमार श्रीवास्तव, अजीत पासवान, राजा ठाकुर, डॉक्टर अमिताभ परमेश्वर ठाकुर, हिमांशु रंजन, सुनील कुमार दास, राजकुमार झा, अजय शंकर मिश्रा, टुनटुन राम आदि ने जिन हेनरी डूऑनट की मूर्त्ति पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम की समाप्ति सुरेंद्र ठाकुर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से किया गया।

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