अयाची डीह पर आकर हुआ धन्य : पूर्व कुलपति
रिपोर्ट : उदय कुमार झा
10:09:2023
मधुबनी : पंडौल प्रखण्ड अन्तर्गत पुण्यभूमि सरिसब-पाही स्थित अयाची डीह पर शनिवार को अयाची डीह विकास समिति के तत्त्वावधान में
"अयाची-शंकर महोत्सव" का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम की खासियत यह रही कि कार्यक्रम की शुरुआत से ही देवराज इन्द्र मानो सरस्वती साधकों की पुण्यभूमि को सिंचित कर रहे हों ; क्योंकि वर्षा लगातार हो रही थी । मौसम खराब होने के बावजूद कई विद्वान ससमय इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए । कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व कुलपति डॉ. देवनारायण झा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की । अपने उद्बोधन में इन्होंने कहा कि आज महामहोपाध्याय पंडित भवनाथ मिश्र प्र.अयाची द्वारा शिक्षा एवं परमार्थ के क्षेत्र में किये गए महान कामों को आत्मसात करने की आवश्यकता है । उनके पदचिह्नों पर चलकर हम फिर ज्ञानपताका फहरा सकते हैं । उनका सम्पूर्ण जीवन-दर्शन हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है ।
कार्यक्रम को ज्योतिष शास्त्र के उद्भट विद्वान एवं पूर्व कुलपति डॉ. रामचन्द्र झा, संरक्षक डॉ. जगदीश मिश्र, साहित्यशास्त्र के विद्वान डॉ. लक्ष्मीनाथ झा, मैथिली साहित्यकार डॉ. भीमनाथ झा, डॉ. रामनाथ झा, जेएनयू, नई दिल्ली, डॉ. मित्रनाथ झा, जैसे विद्वानों ने सम्बोधित करते हुए पं.अयाची मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री संगम झा एवं श्री रंजन झा द्वारा स्वस्तिवाचन से हुआ । काशीनाथ झा 'किरण' ने गोसाउनिक गीत प्रस्तुत किया । डॉ. विपिन पाठक द्वारा प्रस्तुत शंखनाद ने सबका मन मोह लिया । कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा अयाची डीह विकास समिति के संयोजक रामबहादुर चौधरी के निर्देशन में तैयार की गई थी जो पूरी तरह सफल रही ।
अयाची डीह विकास समिति के अध्यक्ष प्रो.अशर्फी कामति, प्रो.संजीव झा, उदय कुमार झा, रतिनाथ झा के साथ ही स्थानीय लोगों की सक्रियता से भारी वर्षा के बावजूद कार्यक्रम सफल रहा ।
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