इंसान के भाग्य और कर्म के नोट बुक लिखने वाले चित्रगुप्त भगवान की हुई आराधना
सिटी रिपोर्टर : मधुबनी
15:11:2023
भारतीय संस्कृति में धार्मिक उत्सवों और पूजा-आराधना की महत्ता अत्यंत उच्च होती है।
यहां भारतीय भक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का एक और उत्कृष्ट उदाहरण है ।
शहर स्थित राधा हरि कीर्तन भवन में कायस्थ परिवार के लोग एकजुट होकर भगवान चित्रगुप्त पूजनोत्सव में शामिल होकर पूरे आनंदित हुए ।
एसबीआई मुख्य शाखा से सेवानिवृत चित्रांश नरेश श्रीवास्तव ने बताया कि चित्रगुप्त भगवान को सनातन धर्म में लेखन के देवता के रूप में माना जाता है।
जिन्हें लोग अपनी कर्मों की पुण्य और पाप को नोट करने के लिए जानते हैं।
इस दौरान , इष्ट देवता चित्रगुप्त की प्रतिमा के सामने बैठकर मंत्रों का जाप किया गया और कथाएं को सुनी गई।
प्रो. डा. आशुतोष सिन्हा कहा कि यह पूजा-आराधना का उत्सव आमतौर पर सामाजिक समरसता, एकता और सामूहिक भक्ति को बढ़ावा देता है। इसमें समाज के सभी वर्गों के लोग भाग लेते हैं और साथ मिलकर पूजा का आनंद लेते हैं।
यह उत्सव समाज में एक महान एकता की भावना को उत्पन्न करता है और धार्मिक संगठन की महत्ता को प्रोत्साहित करता है।
इस उत्सव में अनेक संस्कृति और साहित्यिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए ।
मौके पर राजू सिन्हा,गुड्डी , गुंजन श्रीवास्तव, अरविंद प्रसाद , किरण वर्मा ,काजल वर्मा , गौरव सिन्हा दीपा श्रीवास्तव ,शिवांश श्रीवास्तव,हिमांशु रंजन दास,दिनेश श्रीवास्तव,अजीत सिंह , अवधेश लाल दास,गुंजन श्रीवास्तव,दिलीप कर्ण,निधि लाल दास , सीपीएस के निर्देशक एसएन लाल सहित शहर के कई गण मान्य लोग मौजूद थे ।
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