मिसाल बनेगा कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह सह अति पिछड़ा सम्मेलन
पटना के बापू सभागार में बीस जनवरी को चलने की लोगों से अपील
रिपोर्ट : आदित्य कुमार सिंह
सीवान
सीवान:-जनसुराज के जिला कार्यालय में सोमवार को बैठक कर मकरसंक्रांति की शुभकामना दी गई ।
जन नायक कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह सह अति पिछड़ा सम्मेलन को
सफल बनाने का अपील करते हुए जनसुराज के जिला अध्यक्ष इंतेखाब अहमद ने कहा कि
बिहार के माटी के लाल प्रशांत किशोर के नेतृत्व और उनके जन सुराज से ही बिहार का कायाकल्प होगा और बिहारियों की तकदीर और तस्वीर बदलेगी। उन्होंने बताया कि आगामी 20 जनवरी को पटना के बापू सभागार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह सह अति पिछड़ा सम्मेलन आयोजित है जिसका उद्घाटन जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर जी करेंगे।
जनाब अहमद ने अति पिछड़ा समाज के लोगों से इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की और कहा कि अभी तक लालू यादव, नीतीश कुमार और भाजपा की सरकारों ने मिलकर बिहार को रसातल में पहुंचा दिया तथा गरीबों-मजदूरों-अल्पसंख्यको, पिछड़ों- अति पिछड़ों के उत्थान के लिए कोई काम नहीं किया। इन नेताओं ने हमारे समाज को अशिक्षित और बेरोजगार बना कर रख दिया जो हमारी गरीबी का कारण है। उन्होंने कहा कि पिछले बत्तीस वर्षों से कथित समाजवादी सरकारों ने ( लालू यादव, नीतीश कुमार और भाजपा) बिहार को अशिक्षित और बेरोज़गारी वाला राज्य बना दिया तथा खेती किसानी को भी चौपट कर दिया। इन सरकारों के गरीब विरोधी नीतियों ने हमारे बिहारी भाइयों को दूसरे प्रदेशों में पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया जहां हम जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इस स्थिति से उबारने प्रशांत किशोर जी आए हैं जिन्हें जनता का भरपूर समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर जी कर्पूरी ठाकुर की सोंच को जमीन पर उतारने का संकल्प ले रखें जिनके साथ समाज के सभी वर्गों को एक जुट होने की जरूरत है।
जिला संगठन महासचिव
राजीव रंजन पांडेय ने लोगों से बड़ी संख्या में पटना चलने का आह्वान किया। उन्होंने ने कहा कि प्रशांत किशोर महात्मा गांधी, बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर, समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया और जन नायक कर्पूरी ठाकुर की सोंच और आदर्शों का वास्तविक प्रतिनिधित्व करते हैं जिनके नेतृत्व में ही हम सभी गरीबों,अति पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और शोषितों - वंचितों का उत्थान संभव है.
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