डायरिया उन्मूलन: सघन दस्त नियंत्रण अभियान का सिविल सर्जन ने किया शुभारंभ
-23 जुलाई से 22 सितम्बर तक चलेगा दस्त नियंत्रण अभियान
-दस्त की रोकथाम के लिए जिले मे बनाए जाएंगे जिंक कॉर्नर
-जिले में 10.80 लाख घरों के 7.70 लाख बच्चों को किया गया है लक्षित
-आशाकर्मी प्रत्येक घरों में जाकर देंगी ओआरएस का पैकेट व जिंक की गोली
न्यूज़ डेस्क :मधुबनी
23:07:2024
बच्चों को होने वाली विभिन्न रोगों एवं जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है ताकि शिशु मृत्य दर में कमी लायी जा सके। इसी उद्देश्य से मंगलवार को सदर अस्पताल के प्रांगण में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने किया। उन्होंने बताया 23 जुलाई से शुरू सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आगामी 22 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान आशा कार्यकर्ता जिले के सभी 21 प्रखण्ड स्थित घरों में जा जा कर ओआरएस का पैकेट एवं जिंक की टैबलेट देंगी। जिन घरों में दस्त से पीड़ित बच्चे पाए गए उस घर में 2 पॉकेट ओआरएस एवं 14 जिंक की टैबलेट प्रदान की जाएगी। 0 से 5 साल के बच्चे अक्सर डायरिया से पीड़ित हो जाते है। उसी से बचाव को लेकर यह पखवाड़ा मनाया जाता है। जिले में 10,80,561 घरों में 7,70,482 बच्चों को लक्षित किया गया है। जिसके लिए विभाग द्वारा 8,77,228 ओआरएस एवं 3,49,209 जिंक टेबलेट उपलब्ध कराई गई है।अभियान जिले के 3858 आंगनबाड़ीकेंद्रों में चलाया जाएगा.
ओआरएस एव जिंक की गोली जरूरी:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस.के विश्वकर्मा ने बताया कि गर्मी व बरसात के दिनों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में प्राथमिक उपचार में ओआरएस घोल एवं जिंक का टैबलेट बहुत ही फायदेमंद होता है। उन्होंने बताया कि डायरिया के दौरान बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में 2 दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिनों तक लगातार जिंक की गोली बच्चों के लिए फायदेमंद होती है। इससे बच्चों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि 0 से 6 महीना के बच्चों को दस्त हो जाये तो इसे दो दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं आधा जिंक की गोली डेली देना है। 7 माह से 5 साल के बच्चे को घोल के साथ एक जिंक की गोली लगातार 14 दिनों तक देना है । 14 दिनों तक जिंक की गोली देने के बाद अगले तीन महीनों तक बच्चों को डायरिया होने का खतरा कम होता है।
स्वच्छता को लेकर किया जाएगा जागरूक:
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा उद्घाटन कार्यक्रम में मौजूद एसीएमओ डॉ. आर. के. सिंह ने बताया कि बच्चों में डायरिया होने में गंदगी की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि इस पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ता ओआरएस एवं जिंक की गोली देने के साथ साथ स्वच्छता के प्रति भी जागरूक करेंगी । जिसमें सही तरीके से हाथ धोने की जानकारी देंगी। साथ ही साथ घरेलू उपचार से बच्चे को डायरिया से पीड़ित होने से कैसे बचाया जाए ये भी जानकारी देंगी।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया, एसीएमओ डॉ आर के सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके विश्वकर्मा, सीडीओ डॉ. जी. एम. ठाकुर, अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद,यूनिसेफ के एसएमसी प्रमोद कुमार झा सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।
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