पान समाज के लोगों को मिले अनुसूचित जाति का दर्जा
पान समाज के बच्चों के भविष्य को बचाने को आरंभ किया आंदोलन : इंजीनियर आईपी गुप्ता
अनसूचित जाति में पान समाज की वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
17:11:2024
जयनगर : अखिल भारतीय पान महासंघ के द्वारा रविवार को मधुबनी जिले के +2 उच्च विद्यालय जयनगर के खेल मैदान में पान समाज के लोगों की विशाल रैली आयोजित किया गया। पान, तांती, ततमा समाज के लोगों ने इस समाज के अनुसूचित जाति में वापसी और समाज को राजनीतिक भागीदारी दिलाने का संकल्प लिया। इस मौके पर अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर आई पी गुप्ता ने सभा में उपस्थित सभी पान समुदायों के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आंदोलन और हांको रथ हम पान हैं कार्यक्रम उसके समाज के बच्चों के भविष्य व समाज के कुलों को राजनीतिक भागीदारी दिलाने के लिए है। बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ यह आंदोलन किया जा रहा हैं।बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार को घेरने के लिए ये आंदोलन किया जा रहा है। यह आंदोलन बापू की धरती चंपारण से शुरू होकर रविवार को जयनगर कि धरती पर यह रथ पहुंची। रैली को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर आई पी गुप्ता ने कहा कि यह आंदोलन 6 अक्तूबर 2024 को बापू की धरती चंपारण से शुरू होकर आज मिथिलांचल के पावन भूमि जगत जननी माता सीता के नगरी के समीप भारत नेपाल बॉर्डर पर अवस्थित जयनगर उच्च विद्यालय में हाकों रथ के बस पहुंची है।
23 मार्च 2025 को गांधी मैदान में खत्म होगा। इस दौरान बिहार के 9 प्रमंडल के बड़े-बड़े जिलों में 10 रैलियां होंगी।आखिरी रैली पटना के गांधी मैदान में 23 मार्च 2025 को होगी। उस दिन पूरे पटना को पान समाज के लोग पाट देंगे।अगर सरकार नहीं मानेगी तो समाज के लोग थाली से 'नमक' छीन लेंगे। तब पता चलेगा कि पान समाज के लोगों के पास कितनी शक्ति है। बता दें कि बिहार सरकार ने 2 जुलाई 2015 को तांती-ततवा जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया था। इसके बाद से इस जाति के लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल रहा था। लेकिन भीम आंबेडकर विचार मंच ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई 2024 को अपने फैसले में तांती-ततवा जाति को अनुसूचित जाति की सूची से बाहर कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज की प्रदेश में आबादी 80 लाख है और जातिगत गणना में उसे अलग-अलग बांटकर कम दिखाया गया है। अगर सरकार इस समाज को हितेशी होती तो वह केन्द्र सरकार पर आरक्षण वापसी के लिए अध्यादेश लाने का दवाब देती या सुप्रीम कोर्ट में रिभ्यू आवेदन देती मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारी आवाज उठाने के लिए चारो सदन में से कहीं भी हमारा प्रतिनिधि नहीं है। जबकि हमारी आवादी 150 विधान सभा क्षेत्रों में 5 से 75 हजार तक है। इसलिए हमारे समाज को एकजुट रहने का संकल्प लेकर अपनी आबाज को बुलंद करना होगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीते जाने के बाद से पान - जाति के लोगों को सरकार ने हाशिये पर रखा है, जब तक हम टुकड़े-टुकड़े में बंटे रहेंगे तब तक हमें अधिकार से वंचित रखा जायेगा। इसलिए हमें संगठित होना होगा। अंत में उन्होंने पान समाज के लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग की है। मांगों को सरकार नजर अंदाज करेगी तो पटना से दिल्ली तक जनसभा होगी।
इस कार्यक्रम का अध्यक्षा राजदेव दास अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं महादेव दास जिलाध्यक्ष मंच संचालन राम उदगार दास एवं गुरुशरण दास ने किया। इससे पूर्व महारैली में पान समुदाय के वरिष्ठ नेता रवीन्द्र तांती व अन्य विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित कि गई और 13 मार्च 2025 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बड़ी रैली होगी जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा आरक्षण की वापसी के कारण समाज के राष्ट्रगीत के साथ प्रेरक गीत भी गाई गई। खजौली विधान सभा क्षेत्र में पान समुदाय कि जनसंख्या 35000, हरलाखी में 38000, बाबू बरही 35000, लौकहा विधान सभा क्षेत्र में 15000,राजनगर में 25000 कि जनसंख्या हैं।
इस अवसर पर शशि भूषण तांती प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, राम अधीन दास राष्ट्रीय महासचिव,राम बाबू दास जिला कोषाध्यक्ष,राम प्रसाद दास जिला उपाध्यक्ष ,इंदु देवी लोक गायिका,पलट दास,दिनेश दास खुटौना, फेकन दास पान सीतामढ़ी उपाध्यक्ष समेत हजारों के जन सैलाव में पान समुदाय के लोग उपस्थित होकर रैली को सफल बनाने में योगदान दिया।
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