मधुबनी शहर में जाम की समस्या बनी नासूर : पार्किंग स्थल का अभाव
वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई पर लेकिन सड़के उस अनुरूप चौड़ी नहीं हो सकी
एम्बुलेंस में 27 जून की शाम डेढ़ घंटे तक लहरियागंज जाम में फंसी रही गर्भवती महिला
रेलवे गुमटी संख्या 13 और 11 के पास फाटक बंद होते ही लग जाता है लंबा जाम
गिलेशन सब्जी मंडी के बाहर, शंकर चौक और स्टेशन रोड पर अघोषित रूप से चल रही बाजार से ट्रैफिक चरमराया
ठेलों के कारण संकीर्ण हो चुकी हैं मुख्य सड़कें
रोजाना मरीजों, स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और आपातकालीन वाहनों को झेलनी पड़ती है परेशानी
*अघोषित सब्जी मंडियों ने बिगाड़ी शहर की यातायात व्यवस्था, मरीजों की जान पर बन आई आफत*
सिटी रिपोर्टर
बढ़ते वाहनों की तुलना में तंग सड़कें
शहर में बीते कुछ वर्षों में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन शहर की सड़कें अब भी संकरी और पुरानी ढर्रे की बनी हुई हैं। इसका सीधा असर यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है।
अघोषित सब्जी मंडियों से बिगड़ रही स्थिति
स्टेशन रोड, शंकर चौक, गिलेशन मंडी के बाहर और लहरियागंज जैसे मुख्य इलाकों में अघोषित रूप से संचालित हो रही सब्जी मंडियों और ठेलों ने सड़क की चौड़ाई को कम कर दिया है।
सुबह से देर रात तक इन जगहों पर बाजार लगने से हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है।
*रेलवे गुमटी के फाटक और जाम का गठजोड़*
रेलवे गुमटी संख्या 13 और 11 जैसे स्थानों पर जब भी फाटक बंद होते हैं, वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। इससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो जाता है।
*एम्बुलेंस भी फंसी, मरीज पर बन आई जान की आफत*
27 जून की शाम एक गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल जा रही एम्बुलेंस लहरियागंज के निजाम इलाके में डेढ़ घंटे तक फंसी रही। भीषण जाम के चलते समय पर इलाज नहीं मिल पाने का खतरा बना रहा। यह दृश्य लोगों को झकझोर देने वाला था और प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक भी।
*आमजन और आपात सेवाएं बेहाल*
ट्रैफिक जाम का असर सिर्फ आम नागरिकों पर नहीं, बल्कि स्कूली बच्चों, बुजुर्गों, मरीजों और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं पर भी पड़ रहा है।
नागरिकों की मांग: स्थानांतरित हों मंडियां, हो सख्त कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि अघोषित मंडियों को जल्द किसी वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। साथ ही ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पुलिस बल की तैनाती, नियमित चालान और पार्किंग की अच्छी और सुनियोजित व्यवस्था की जाए। मधुबनी शहर ज़िला मुख्यालय का बाजार है जहाँ प्रतिदिन हजारों लोग नित्य खरीदारी करते आते हैं और पार्किंग की व्यवस्था नहीं रहने के कारण एक ओर खुद परेशान होते हैं, तो दूसरी ओर यातायात पुलिस चालान काटती है । साथ ही, बिना पार्किंग के गाड़ी लगाने से वाहन चोरी की वारदात का डर हमेशा बना रहता है ।
प्रशासन से तत्काल पहल की दरकार
अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। सरकारी एवं निजी एम्बुलेंस ड्राइवर एंड टेक्निकल पर्सन के साथ आम नागरिकों ने नगर निगम और जिला प्रशासन से इस दिशा में शीघ्र और ठोस कार्रवाई की मांग की है।
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