मधुबनी की बेटी शोभना बनी पूरे मिथिलांचल का गौरव : सत्यजीत रे पुरस्कार से सम्मानित की गई
मिथिला की गीतकार शोभना ठाकुर ने सौ से अधिक गीतों की रचना कर भारतीय संगीत जगत में बनाई अपनी विशिष्ट पहचान। हिंदी, अंग्रेज़ी और मैथिली में लिखे गीतों को अनुराधा पौड़वाल, मालिनी अवस्थी, शाहिद मल्ल्या सहित कई प्रसिद्ध गायकों ने स्वरबद्ध किया
रिपोर्ट : उदय कुमार झा
मधुबनी : 05:06:2025
संगीत और साहित्य जब एक साथ कदम मिलाते हैं, तो उसकी गूंज सिर्फ कानों में नहीं, आत्मा तक जाती है। मिथिला की प्रसिद्ध गीतकार शोभना इसी संगम की प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने गीतों को केवल शब्द नहीं, आत्मा दी है। उनके गीतों में संस्कृति की गहराई, संवेदना की सहजता और रचनात्मकता की उड़ान दिखाई देती है।
विविधता में निपुणता : सौ से अधिक गीतों की रचना
शोभना ने अब तक हिंदी, अंग्रेज़ी और मैथिली भाषाओं में 100 से अधिक गीतों की रचना की है। उनकी लेखनी विभिन्न शैलियों में पारंगत है—सूफियाना अंदाज़, प्रेमगीत, देशभक्ति, भक्ति-संगीत और बालगीतों तक में उनकी पकड़ अत्यंत प्रभावशाली है।
विशेष रूप से उनके द्वारा छठ पर्व पर लिखे गए गीत, मिथिला में अत्यंत लोकप्रिय हैं। इन गीतों में पारंपरिक लोकसंवेदना को आधुनिक भाषा में बुनकर उन्होंने लोकगीतों को एक नया आयाम दिया है।
सुरों की दुनिया में स्थापित नाम
शोभना के गीतों को स्वर देने का सौभाग्य कई नामचीन गायकों को मिला है, जिनमें अनुराधा पौड़वाल, मालिनी अवस्थी, शाहिद मल्ल्या, इंद्राणी शर्मा, अभिजीत घोषाल और प्रेम प्रकाश कर्ण जैसे बड़े नाम शामिल हैं। यह उनकी लेखनी की ताकत है कि इतने विविध और प्रतिष्ठित कलाकार उनके गीतों को गाने के लिए आगे आए हैं।
बच्चों के लिए विशेष रचनात्मक योगदान
वर्तमान में शोभना Koo Koo TV के लिए बच्चों की कविताएँ और बालगीत लिख रही हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ बच्चों में नैतिक मूल्यों और रचनात्मक सोच का संचार भी करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने "अभी तो मैं जवान हूँ" नामक एक संगीतमय कार्यक्रम के लिए 100 से अधिक एपिसोड का लेखन किया है। यह कार्य उनकी निरंतरता और सृजनशीलता को दर्शाता है।
टी-सीरीज़ से सत्यजीत रे पुरस्कार तक
शोभना ने टी-सीरीज़ चैनल के लिए भी रचनात्मक लेखन किया है, जहाँ उनके गीतों को देशभर के श्रोताओं तक पहुँचने का अवसर मिला। हाल ही में उनका लिखा गीत "मन", जिसे गायक जितिन लाल विजय ने अपनी आवाज़ दी, अत्यंत लोकप्रिय हुआ। इसी एल्बम के लिए शोभना को "सत्यजीत रे पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें हिंदी के सर्वश्रेष्ठ गीतकार के रूप में प्राप्त हुआ—जो न केवल उनकी उपलब्धि है, बल्कि संपूर्ण मिथिला के लिए एक गर्व का क्षण है।
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