मो. नसरे आलम को मिला 'लघु उद्योग भारती उद्यमिता पुरस्कार 2025'
स्थानीय रोजगार सृजन और कुटीर उद्योग को मिली राष्ट्रीय पहचान
सिटी रिपोर्टर : संदीप श्रीवास्तव
जिला मधुबनी के लिए गौरवपूर्ण क्षण है कि यहां के निवासी मो. नसरे आलम को वर्ष 2025 का ‘लघु उद्योग भारती उद्यमिता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें कुटीर एवं लघु उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान, स्थानीय संसाधनों के दक्ष उपयोग और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए प्रदान किया गया है।
पटना में आयोजित एक भव्य समारोह में बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर देशभर से आए उद्योग जगत के प्रतिनिधि, नीति-निर्माता, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय पदाधिकारी और विभिन्न राज्यों के उद्यमी मौजूद थे।
मो. नसरे आलम ने सीमित संसाधनों के बीच स्थानीय कारीगरों को संगठित कर एक ऐसा उद्यम मॉडल तैयार किया है, जिससे दर्जनों परिवारों को रोज़गार और आत्मनिर्भरता का रास्ता मिला है। वे मानते हैं कि— "बड़े शहरों की ओर पलायन को रोकने के लिए गांवों और कस्बों में उद्योग स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।"
उनकी यह सोच अब मिथिलांचल में औद्योगिक प्रेरणा का केंद्र बन गई है। उनके कार्यों से प्रभावित होकर कई युवाओं ने भी स्थानीय स्तर पर छोटे उद्योग शुरू करने का साहस किया है।
उनकी इस उपलब्धि पर मधुबनीवासियों ने प्रसन्नता जाहिर की है और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। यह सम्मान न केवल मो. नसरे आलम का, बल्कि पूरे जिले की प्रेरणा है।
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