नदी के बीच सरकारी जमीन पर निजी मकान बनाए जाने का विरोध
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
रहिका प्रखंड अंतर्गत कपिलेश्वर स्थान के बीच नदी में असामाजिक तत्त्व और भू माफिया के द्वारा बीच नदी के सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे पक्का मकान को रोकने के लिए सामाजिक, राजनीतिक एवं स्थानीय लोगों के द्वारा सड़क जाम कर विरोध दर्ज किया गया। सड़क जाम का नेतृत्व माकपा नेता सोनधारी यादव, भागवत यादव, भाजपा के पिंटू यादव, फूलदेव यादव, राजद जिला प्रवक्ता इंद्रजीत राय, युवा राजद प्रखंड अध्यक्ष संजीव कुमार यादव, श्रवण यादव, रमेश यादव, वीरेंद्र कुमार यादव, अशोक यादव,कपिलदेव चौधरी, विनय राय, रामबृक्ष पासवान, नारायण पासवान, जगदीश पासवान, सहित स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने किया वक्ताओं ने कहा कि कपिलेश्वर स्थान के मंदिर से दक्षिण और एन. एच. 527 B के सटे पश्चिम में जो नदी है
उसमे जबरन विजय मिश्र पिता पलटू मिश्र साकिन ककरौल के द्वारा नदी के रास्ता को बंद कर बीच नदी में मकान का निर्माण कर रहा है। जिससे खरौआ , सुगौना सहित कई गांव बाढ़ से भयंकर प्रभावित होगा वहीं बभनगरी और डुमरी दर्जनों गांवों के हजारों किसान इससे प्रभावित होगा और सिंचाई करने में कठिनाई होगी ये नदी बिहार सरकार की नदी है। 1987 में 2004 में 2009 में जब भयंकर बाढ़ आई थी तो मात्र इस इलाके इसी नदी के रास्ता से बाढ की पानी की निकासी थी। इससे खरौआ, बभनगरी रामपुर सुगौना कतराही इससे ये सभी गाँव प्रभावीत होगा / खेसरा नया 8876 खेसरा पू. 5310/8817 है। जो पूर्णतः बिहार सरकार की जमीन है। लेकिन भू माफिया और प्रशासनिक गठजोड़ के कारण बीच नदी में मकान बनाया जा रहा है। जिसे रोकने के लिए लोगों ने आज आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। सड़क जाम को खाली करवाने पहुंचे प्रखंड विकाश पदाधिकारी रहिका और थाना प्रभारी रहिका ने आंदोलनकारी को आश्वाशन देते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में नदी के सरकारी जमीन पर मकान नहीं बनाने दिया जाएगा। इसके बाद लोगों ने सड़क जाम को खाली किया। वक्ताओं ने कहा है समय रहते अगर नदियों पर भू माफिया के द्वारा हो रहे अतिक्रमण पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिन में दर्जनों गांवों में जल संकट विकराल रूप धारण करेगा । इससे जल संरक्षण के कार्य व आम आवाम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एक ओर सरकार जल संरक्षण के लिए नदी-तालाब को संरक्षित करने का अभियान चला रही है लेकिन यहां तो स्थिति विपरीत है। सरकारी कर्मचारी के सहयोग से नदी को अवरुद्ध कर मकान बनवाया जा रहा है।
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