मदरसा विकास संगठन ने रखा धरना, पांच सूत्री मांगें पेश
सिटी रिपोर्टर संदीप श्रीवास्तव
मधुबनी : मदरसा विकास संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद अल्ताफ हुसैन एवं सचिव मोहम्मद नईम अख्तर के नेतृत्व में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया। इस दौरान संगठन ने राज्य सरकार के समक्ष मदरसों से संबंधित पांच प्रमुख मांगें रखीं।
मदरसा नियमावली 2022 में संशोधन की मांग
धरना में पहली मांग रखते हुए संगठन ने कहा कि मदरसा नियमावली 2022 में संशोधन करते हुए राज्य के सभी अनुदानित मदरसों को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया जाए।
नियोजित शिक्षकों को वेतनमान और भत्ते
संगठन ने दूसरी मांग में कहा कि नियोजित शिक्षकों एवं शिक्षित कर कर्मचारियों को संकल्प संख्या 162 (15.2.2011) एवं संकल्प संख्या 1010 (16.9.2013) के आलोक में उच्च विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की तरह वेतनमान, वार्षिक वेतन वृद्धि, चिकित्सा एवं आवास भत्ता उपलब्ध कराया जाए।
नियमित शिक्षकों को पेंशन सुविधा
तीसरी मांग में संगठन ने मदरसा नियमित शिक्षकों एवं कर्मियों को वार्षिक वेतन वृद्धि, इंक्रीमेंट, चिकित्सा भत्ता, आवास भत्ता एवं पेंशन सुविधा देने की मांग की।
लंबित मदरसों को अनुदान
चौथी मांग में कहा गया कि 2459+1 कोटि में शामिल शेष 1637 मदरसों को शीघ्र प्रस्वीकृत कर अनुदान की श्रेणी में लाया जाए।
हाफिज और विज्ञान शिक्षकों का वेतन विसंगति दूर हो
पांचवीं मांग में कहा गया कि 1128 मदरसों में कार्यरत हाफिज का वेतन परिचारी से भी कम है, जिसे मौलवी पद के बराबर किया जाए। साथ ही विज्ञान शिक्षकों को सामान्य शिक्षकों की तरह सम्मानजनक वेतन दिया जाए।
मौके पर मोहम्मद अरशद अली, मोहम्मद अरशद दिलकश नदवी, नजीबुल्लाह हुसैन फलाही, फजलुर रहमान, हयातुल्लाह, मुशर्रमणि, फिरोज आलम, शाहिद कामरान, तारीख मिनहाज, मास्टर नसीम सहित अन्य लोग मौजूद रहे।


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