पंडौल थानाक्षेत्र में अपराधियों की सक्रियता
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
29:09:2025
मधुबनी : जिला मुख्यालय से सटा है पंडौल थानाक्षेत्र का इलाका । बड़ा क्षेत्र होने के कारण यहाँ एसपी आर. आर. प्रसाद के कार्यकाल में सरिसब-पाही आउटपोस्ट की स्थापना की गई थी । 2008 ई. में तत्कालीन एसपी राकेश राठी ने यह कहकर उस आउटपोस्ट को बन्द कर दिया कि सरकार ने नोटिफिकेशन नहीं जारी किया था उस ओपी क़ी स्थापना के लिए । नतीजा हुआ कि पंडौल थाना का सरिसब-पाही से काफ़ी दूर रहना अपराधियों के लिए एक वरदान हो गया। चोरी, छिनतइ, लूट, हत्या आदि वारदात को अंजाम दिया जाने लगा । फिर भी पंडौल पुलिस नित्य दिन सक्रिय रहते हुए घटनाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास करती रही। पिछले कुछ वर्षों में कई अच्छे और कुशल थानाध्यक्ष, जैसे - देवेंद्र कुमार यादव, उत्तिम सिंह, कुमार ब्रजेश, संजय कुमार झा, रूपक रंजन सिंह, सुरेन्द्र पासवान, अनिल कुमार, शंकर शरण दास, इंस्पेक्टर रोहित यहाँ आए, जिनकी कार्यकुशलता और अपराध नियंत्रण से आम लोग चैन क़ी सांस लेते थे। उसका कारण था कि ये सभी थानाध्यक्ष स्वयं क्षेत्र में काफ़ी सक्रिय रहते थे और अपराधियों के बारे में सदा सूचना लेते रहते थे। शंकर शरण दास के लौकहा तबादले के बाद इंस्पेक्टर अमित कुमार मात्र कुछ दिनों के लिए ही यहाँ रह पाए और चुनाव आयोग के निर्देश पर फिर उन्हें जिला मुख्यालय बुला लिया गया । इंस्पेक्टर रोहित थानाध्यक्ष बनाए गए तो उन्होंने क्षेत्र भ्रमण कर सारी जानकारी ली और थानाक्षेत्र में शान्ति सुव्यवस्था की क़ोई समस्या नहीं हो पाई। किन्तु एक साल भी पूरा नहीं हो पाया कि उनका तबादला बिहार एसटीएफ में पटना कर दिया गया।
इंस्पेक्टर रोहित के पटना जाने के बाद तत्कालीन एसपी सुशील कुमार ने युवा ब्रिगेड पर भरोसा किया जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। 2022 बैच के तीन बिल्कुल युवा पुलिस अफसर - मो. नदीम, अभिजीत कुमार एवं माया कुमारी पंडौल थाना में प्रोबशनर के रूप में कार्यरत थे। इन तीनों क़ी नियुक्ति थानाध्यक्ष शंकर शरण दास के कार्यकाल में ही हुई थी। इंस्पेक्टर रोहित के तबादले के बाद युवा तेज़ तर्रार पदाधिकारी पुअनि मो. नदीम को थानाध्यक्ष एवं माया कुमारी को अपर थानाध्यक्ष बनाया गया। इन दोनों पुलिस पदाधिकारियों क़ी जोड़ी ने 06 सितंबर 2025 को नया पदभार ग्रहण किया। चूँकि इन दोनों ने पंडौल थाना में ही प्रोबेशनर के रूप में काम किया था, अतः इन्हें सभी बातों क़ी जानकारी थी और थानाध्यक्ष तथा अपर थानाध्यक्ष बनते ही अपराधियों को पकड़-पकड़ जेल में डालना शुरू किया। जहाँ भी अपराध क़ी घटना घटती, वहाँ इन दोनों क़ी जोड़ी तुरंत पहुँचती और फिर अपराधियों को सलाखों के अंदर डालकर ही सांस लेती। गुंडई, छिनतई जैसी घटनाओं पर ये लोग तुरंत उसका संज्ञान लेकर इलाज कर देते थे । पुअनि माया कुमारी को 14 अगस्त 2025 को झंझारपुर आर.एस. थाना का थानाध्यक्ष बनाकर झंझारपुर भेज दिया गया और पंडौल के थानाध्यक्ष मो.नदीम को थानाध्यक्ष बने हुए एक साल भी नहीं बीता क़ि एसपी योगेंद्र कुमार ने उन्हें साइबर सेल में तबादला कर दिया, जबकि थानाध्यक्ष का कार्यकाल बेदाग रहा । मो.नदीम के तबादले के बाद ऐसा लग रहा है जैसे अपराधियों ने चैन की सांस ली और असामाजिक तत्वों की हरकतें शुरू हो गई हैं। गंगौली गाँव में युवा पत्रकार सह राजनीतिक विश्लेषक आलोक झा के घर का ताला तोड़कर पानी वाले मोटर की चोरी कर ली गई, जिसकी सूचना आलोक ने थानाध्यक्ष को दी। उसके अगले ही दिन श्रीपुर हाटी स्थित गैस एजेंसी में लुटेरों ने दिन दहाड़े लूट की बड़ी घटना को अंजाम दिया। खबर लिखे जाने तक लुटेरों के पकड़े जाने की सूचना नहीं है । लूट की निरंतरता बनाए रखते हुए सरिसब-पाही में बीते 27 सितंबर की रात दो घरों में डकैती की घटना को अंजाम दिया गया, जिसमें 10-12 डकैतों के शामिल रहने की बात गृहस्वामियों द्वारा बताई गई है जो हाफ पैंट और गंजी पहने आए और फिर खेत होते हुए भाग गए। इस कांड में घटनास्थल का निरीक्षण करने सदर एसडीपीओ 1 अमित कुमार, सदल बल पहुँचे। थानाध्यक्ष पुनि रमण कुमार इन घटनाओं के उदभेदन में लगे हुए हैं। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मो. नदीम और माया कुमारी की जोड़ी से जिन अपराधियों को डर लगता था, वे अब बेखौफ़ हो चुके हैं । पीड़ित परिवारों एवं आसपास के लोगों में भय उत्पन्न हो गया है । वर्तमान थानाध्यक्ष से लोगों को आशा है कि वे भी अपने पूर्ववर्ती पदाधिकारियों की तरह अपराधियों पर शिकंजा कसकर आमजन को शान्ति-सुरक्षा प्रदान करेंगे ।
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