24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे पर चलाया जायेगा जागरूकता अभियान
-जिला यक्ष्मा केन्द्र में पीएमटीपीटीसी कार्यक्रम की समीक्षात्मक बैठक में लिया निर्णय
दरभंगा, 24 फरवरी। सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में जिला यक्ष्मा केंद्र में पीएमटीपीटीसी कार्यक्रम को लेकर समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें सभी प्रखंड के टीपीटीसी कोऑर्डिनेटर उपस्थित हुये। कार्यक्रम का संचालन वर्ल्ड विज़न ने किया। इसके तहत विभिन्न प्रखंडों में चलाये जा रहे टीबी उम्मूलन को लेकर विस्तृत जानकारी का आदान- प्रदान किया किया। विदित हो कि यह कार्यक्रम पूरे बिहार के 11 जिलों में चलाया जा रहा है। जिसमें छह जिला का कर्यान्वयन वर्ल्ड विज़न के द्वारा प्रोजेक्ट जेइइटी के तहत किया जा रहा है। वर्ल्ड विजन के डिस्ट्रीक्ट लीडर ने बताया गया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धरित किया गया है। इसी प्लान के तहत अब टीबी मरीज के इलाज साथ साथ प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट पर जोड़ दिया जा रहा है। ताकि टीबी के एक्टिव होने के पहले ही टीबी बैक्टीरिया को समाप्त किया जा सके। इसके अलावा संक्रमण के फैलाब को रोका जा सके। बताया कि यह कार्यक्रम दरभंगा में पिछले साल अक्टूबर से चल रहा है। इसके तहत अभी तक कुल 960 टीबी मरीजों के घर में जाकर कुल 2831 व्यक्ति की स्क्रीनिंग की गयी है। इसमें से 1204 लोगो को प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट से जोड़ा गया है।
सदर प्रखंड में सबसे अधिक मरीजों को दी गयी ट्रीटमेंट थेरेपी-
बैठक में मौजूद सदर के टीपीटीसी रजनीश दत्ता ने कहा कि सबसे अधिक इस क्षेत्र के टीबी मरीजों के लिए ट्रीटमेंट थेरेपी चालू किया गया है। वहीं बहेड़ी में सबसे कम चिह्नित मरीजों को यह थेरेपी दी गयी है। इसे बढ़ाने को लेकर निर्देश दिया गया है। बैठक मे निर्णय लिया गया है कि आगामी 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे पर जागरूकता अभियायन चलाया जायेगा। बेहतर कार्यान्वयन के लिये इस अभियान से टीबी मरीज, आशा कार्यकर्ता, टीबी चैंपियन को जोड़ा जायेगा। उन्हें अपने- अपने क्षेत्रों में टीबी बीमारी की जानकारी व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर प्रचार प्रसार करने को कहा गया है। ताकि क्षेत्र मे अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें। बैठक में टीबी डीसी विभाग से आये गिरिजा शंकर, धीरज यादव, कविता कुमारी, अरमान अली, पिंकी कुमारी आदि मौजूद थी।
टीबी का लक्षण व पहचान -
टीबी का सामान्य लक्षण बुखार आना है। दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी होना, खांसी के साथ कफ का आना, बुखार, वजन में कमी या भूख में कमी, शाम के समय पसीना आना, बुखार आना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। यह फेफड़े सहित शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। बोन टीबी में हड्डी ज्यादा प्रभावित होती है।. यदि इनमें से कोई भी लक्षण तीन सप्ताह से अधिक अवधि तक बना रहे, तो पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी डॉट्स टीबी केंद्र या स्वास्थ केंद्र जाना चाहिए और अपने कफ की जांच करानी चाहिए। रोगी के बलगम से खून भी आ सकता है। सांस फूलने की शिकायत हो सकती है। फेफड़ा डैमेज भी हो सकता है।
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