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Friday 4 March 2022

टीबी आरोग्य साथी ऐप को व्यावहारिक रूप में उपयोग करें टीबी मरीज

 टीबी आरोग्य साथी ऐप को व्यावहारिक रूप में उपयोग करें टीबी मरीज



•ऐप रोगियों को टीबी उपचार सेवाओं से जोड़ने का है माध्यम 

मरीजों का मददगार है ‘टीबी आरोग्य साथी’ एप

निक्षय पोषण योजना के तहत मिलते हैं 500 रुपये

हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज


मधुबनी,4 मार्च ।

क्षय रोग से ग्रसित मरीजों का टीबी आरोग्य साथी एप मददगार है। टीबी के मरीज, टीबी आरोग्य साथी मोबाइल एप को व्यावहारिक रूप में प्रयोग करें। इस एप के माध्यम से रोगी न सिर्फ अपनी प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे, बल्कि टीबी से संबंधित समस्त जानकारी भी उन्हें प्राप्त होगी। इससे मरीज अपनी आईडी डाल निश्चय योजना द्वारा मिलने वाली राशि की स्थिति भी देख सकते एवं दवा की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां टीबी से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध है।  एप को व्यावहारिक रूप में प्रयोग को लेकर संचारी रोग पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ जीएम ठाकुर ने सभी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, एनजीओ पार्टनर्स, आशा दीदी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सीएचओ को निर्देश दिया कि अपने मोबाइल में ऐप को डाउनलोड कर उपयोग करें। साथ ही मरीजों को मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें। डीपीसी पंकज कुमार ने बताया  मरीज को सुविधा देने की पहल करते हुए उन्हें 2 माह की दवा एक ही बार दी जाएगी। मरीज अपने नजदीकी डॉट सेंटर से जाकर दवा ले सकते हैं।


क्या है एप में:

एनटीईपी के तहत पंजीकृत रोगियों के लिए यह डिजिटल रिकार्ड तक पहुंचने के लिए एक पोर्टल की तरह कार्य करता है। इसके अंतर्गत टीबी परीक्षण और उपचार विवरण, विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के तहत देय राशि का विवरण, स्वास्थ्य प्रदाता तक पहुंच और उपचार या किसी भी जानकारी के लिए अनुरोध किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त टीबी से संबंधित समस्त जानकारी, टीबी जांच एवं उपचार की नजदीकी सुविधा, टीबी के जोखिम का आकलन करने के लिए स्क्रीनिंग टूल, पोषण संबंधी सहायता एवं परामर्श आदि जैसी जानकारी भी ली जा सकती है।


निक्षय पोषण योजना के तहत मिलते हैं 500 रुपये:

टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना चलायी गयी है। जिसमें टीबी के मरीजों को उचित पोषण के लिए 500 रुपये प्रत्येक महीने दिए जाते हैं। यह राशि उनके खाते में सीधे पहुंचती है। सरकार की मंशा है कि टीबी के मरीजों में 2025 तक 90 प्रतिशत की कमी लायी जा सके।


हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज:

जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.जी.एम. ठाकुर ने बताया जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं. इसके साथ उनको नि:शुल्क दवा भी दी जाती है जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत  होती है। देश के साथ जिले को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न  उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए  लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।


टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:

लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना

खांसी के साथ खून का आना

छाती में दर्द और सांस का फूलना

वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना

शाम को बुखार का आना और ठंड लगना

रात में पसीना आना

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