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गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

मैथिली को BPSC के पाठ्यक्रम में किया गया अस्तित्वहीन

 मैथिली को बीपीएससी के पाठ्यक्रम में किया गया अस्तित्वहीन  : प्रोफेसर नारायण झा

 

वैदेही फाउंडेशन माननीय पटना उच्च न्यायालय में करेगा याचिका दायर : गोपाल चौधरी 


वैदेही फाउंडेशन, दरभंगा के तत्वावधान में वैदेही फाउंडेशन कार्यालय में  कार्यकारिणी के सदस्यों की आज अत्यावश्यक बैठक हुई ।

सदस्यों ने एक स्वर से मैथिली भाषा और साहित्य को बीपीएससी की परीक्षा में अस्तित्वहीन बनाये जाने का विरोध किया ।

ज्ञात हो कि 68वीं बीपीएससी से पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है । इससे पूर्व मैथिली भाषा और साहित्य 300 अंकों का वैकल्पिक विषय के रूप मान्य था तथा मैथिली में प्राप्त अंक मेधा अंक में जोड़ा जाता था परन्तु परिवर्तित पाठ्यक्रम में 100 अंकों का किया गया है जो मात्र क्वालीफाई है तथा इस पत्र का अंक मेधा सूची में नहीं जोड़ा जाएगा । वैदेही फाउंडेशन के उपाध्यक्ष प्रो० नारायण झा ने कहा कि बीपीएससी का निर्णय अलोकतांत्रिक तथा भाषा विरोधी है उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा का शरीर तो रहा परन्तु प्राण रहित कर दिया गया । मिथिलावासी एवं मैथिली भाषी इस निर्णय को कथमपि स्वीकार नहीं करेंगे ।

फाउंडेशन के सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस अलोकतांत्रिक एवं मैथिली भाषा विरोधी निर्णय के विरूद्ध माननीय पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे ।

फाउंडेशन के महासचिव गोपाल चौधरी ने कहा कि अन्तिम दम तक मां मैथिली के लिए लड़ाई लड़ेंगे ।

बैठक में फाउंडेशन के सदस्य सह सीनेट सदस्य बलराम भारती, सीनेट सदस्य विनय कुमार झा, सीनेट सदस्य संतोष कुमार, दीपक कुमार झा, डॉ प्रभाकर झा ,विनित मिश्रा आदि उपस्थित थे ।


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