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शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करना जरूरी

 स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को सुनिश्चित करना है


----देश के मत्स्य संसाधनों के प्रबंधन से तकनीक को विकसित कर मत्स्य किसानों , उद्यमियों ,मछुआरे ,मत्स्य पालन से जुड़े तमाम व्यक्तियों प्रेरित करना है 




 मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और नीली क्रांति के द्वारा, आर्थिक क्रांति लाने की एक महत्वपूर्ण योजनाओं को क्रियान्वित करना है 


मधुबनी : सिटी रिपोर्टर


मत्स्य पालन एक बहुत बड़ा उद्योग है ।वर्तमान में इस उद्योग के विकास की प्रबल संभावनाएं हैं । इसी महत्व को ध्यान रखते हुए  नीली क्रांति रूप  विकसित कर किसानों को उन्नति की राह पर निरंतर चलते रहना है। उक्त  बातें जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विनय कुमार ने  मत्स्य पालकों को  संबोधित करते हुए कहा ।

  उन्होंने  कहा कि मधुबनी समेत देश भर में मछली पालकों ,मछुआरों और मछली पालन उद्योग से जुड़े अन्य व्यवसाय को सम्मान एवं सहयोग देना है । 

उन्होंने कहा कि 10 जुलाई 1952 को

सर्वप्रथम विकास बोर्ड के सहयोग से मत्स्य पालन पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय बोर्ड के सहयोग से मनाया जाता है।    कहा गया कि महान वैज्ञानिक डॉक्टर के एच अलीकुंही, डॉक्टर एम एल चौधरी मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में

 ओडिशा राज्य  के  इन दोनों वैज्ञानिकों ने  1957 को भारतीय मेजर का कार्प,(मछली की कई प्रजातियां के समान नाम) में प्रेरित प्रजनन तकनीक ( हाइपोफाईजेशन )का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया था ।

उन्होंने कहा कि मछली उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ मछलियों और जल संसाधनों का संरक्षण किया जा सके,

पालकों को नई नई तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराई जा सके और मत्स्य पालकों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। मत्स्य प्रसार पदाधिकारी राजेश रंजन ने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं मंत्री और चौर विकास योजना के तहत तालाब निर्माण की पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 

नन जुडिसियरी स्टांप पेपर पर कम से कम 9 वर्ष के लिए जमीन लेकर तालाब निर्माण कराया जा सकता है जिसमें अनुसूचित जाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 70 फ़ीसदी एवं अन्य  वर्ग को 50 फ़ीसदी का अनुदान देय

 है । एफडीओ लाल दास ने प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के विभिन्न अवयवों एवं घटकों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। योजना के तहत मत्स्य विक्रेताओं को शहरी क्षेत्र के लिए 25 हजार एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए 19  हजार तक की मदद से विपणन कीट  की खरीदने का प्रावधान है जिसमें 70 % अनुदान की राशि देय है । मौके पर एफईओ प्रीति प्रिया, लिपिक अमरनाथ साहनी, नारायण मुखिया राजा साहनी रामविलास मुखिया, जामुन सहनी  ,राजेंद्र सहनी,  चंदेश्वर सहनी ,   फूलो देवी , तेतरी देवी सहित अन्य लोग मौजूद थे ।

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