आशा कार्यकर्ताओं का बिहार सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा : मानदेय 10 हजार करने समेत 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन
आशा संयुक्त संघर्ष के आह्वान पर अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर विगत 12 जुलाई से आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा जयनगर अनुमंडल अस्पताल पर अनिश्चितकालीन हड़ताल दिया जा रहा है। मंगलवार को 14वें दिन आशा कार्यकर्ताओं ने मंजुला देवी के नेतृत्व में धरना देते हुए ओपीडी सेवा को घंटों रोका, जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आशा वर्कर ने ओपीडी मरीज निबंधन काउंटर पर धरना देते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि हमारी मांग जायज है और सरकार हमारी मांगों को पूरा करें। हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो हड़ताल के साथ सड़क पर उतरने की धमकी दी है।
मौके पर प्रखंड अध्यक्ष मंजुली देवी ने कहा कि क्षेत्र और अस्पताल में काम होगा तो हमारी जायज मांगों को सरकार नजरअंदाज करेगी। इस लिए हम आशा कर्मी आज अंतिम दिन ओपीडी सेवा को रोकने का काम किया, ताकि मरीजों के दिक्कत को देख कर सरकार हमारी मांगों को जल्द पूरा करेगी। मंजुली देवी ने कहा कि सरकार हमें हमारा हक समान काम के बदले समान वेतन दे। हमें सरकारी सेवक घोषित करे एवं दस हजार मानदेय दे। सरकार के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकार हम लोगों को दलाल बना दिया है। अपनी मांगों को लेकर अस्पताल से सड़क तक संघर्ष करने को तैयार है।
आशा वर्कर द्वारा ओपीडी निबंधन काउंटर पर धरना देते हुए मरीजों को निबंधन नहीं कराने दिया गया, जिससे मरीजों को वापस होना पड़ा ।
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