Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

Saturday, 2 September 2023

SNCU के स्वास्थ्यकर्मियों की नेतृत्त्व क्षमता और कौशल विकास में होगा निखार

 एसएनसीयू के स्वास्थ्य कर्मियों की नेतृत्व क्षमता और कौशल विकास में होगा निखार, दिया गया प्रशिक्षण 


न्यूज़ डेस्क : मधुबनी



मधुबनी जिले के स्वास्थ्य विभाग के एसएनसीयू में तैनात कर्मचारियों की नेतृत्व क्षमता और कौशल विकास को निखारने की कवायद शुरू हो गई है। कार्यरत फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, लैब तकनीशियनों को क्लीनिकल स्किल्स के साथ ही सॉफ्ट स्किल्स के लिए भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में टीम वर्क, संचालन, समय प्रबंधन आदि जैसे सॉफ्ट स्किल्स पर चर्चा की गई, जिसमें एसएनसीयू के सभी कर्मचारी मौजूद थे। प्रभारी दीपमाला  भी मौजूद थी। सभी ने सॉफ्ट स्किल्स और इसके महत्व के बारे में चर्चा की। कर्मचारियों को एक वीडियो दिखाया गया जिसमें दिखाया गया कि एक टीम के लिए नेतृत्व, प्रारंभ करना और टीम वर्क कितना महत्वपूर्ण है। सभी ने अपने भावनाओं को एक कागज पर भी लिखा। यह कार्यशाला पिरामल फाउंडेशन के मास्टर ट्रेनर्स रितिका सिंह, मुदित पाठक द्वारा ली गई थी। कर्मचारी वर्कशॉप से बहुत खुश थे और सत्र में उन्होंने उन चुनौतियों पर खुलकर चर्चा की जिन्हें वे सामना करते हैं। सभी ने अपने सीखें और एसएनसीयू विभाग के बेहतर बनाने के लिए कैसे काम कर सकते हैं, इस पर भी चर्चा की।






प्रशिक्षण से कर्मी कार्यक्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए होंगे प्रेरित :


सदर अस्पताल, मधुबनी के अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने बताया प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को विभिन्न गतिविधियां कराई गई। उन्हें जनसंपर्क, संचार कौशल, अनुशासन, शिष्टाचार, मानवोचित मूल्यों, विधाओं का प्रशिक्षण दिया गया। हाथ धोना, गर्भावस्था, स्तनपान, बालिका शिक्षा, टीकाकरण, एचआईवी से बचाव की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य संचार, परामर्श कौशल, सक्रियता से सुनने और बोलने का कौशल प्रबंधन और प्रणाली में सुधार, स्वास्थ्य कर्मचारियों के कौशल विकास और उनकी नेतृत्व और कार्यक्षमता सुधारने में कारगर साबित होगा। प्रशिक्षण से कर्मी कार्यक्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे। समाज को भी इसका लाभ मिलेगा। वहीं प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को  जैव चिकित्सा अपशिष्ट से होने वाले संभावित खतरों एवं उसके उचित प्रबंधन जैसे- अपशिष्टों का कलेक्शन भंडारण, परिवहन एवं बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित प्रबंधन की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया की इसके सही तरीके से निपटान नहीं होने से पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। अगर इसका उचित प्रबंधन ना हो तो मनुष्य के साथ साथ पशु-पक्षियों  को भी इससे खतरा है। इसलिए जैव चिकित्सा अपशिष्टों को उनके कलर-कोडिंग के अनुसार ही निपटान किया जाना चाहिए।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स (Digital Banking Units -DBUs) को लांच किया। उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने किया ऐलान, कहा- बिहार में लगेंगे 20 हजार नये कारोबार, सरकार करेगी मदद। कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में बड़ा हादसा, 4 कार्यकर्ताओं को लगा करंट, अस्पताल में भर्ती।