मिथिलांचल के एक वीर सेनाधिकारी का निधन
रिपोर्ट : उदय कुमार झा
29:12:2023
दरभंगा : मैथिली साहित्य के 'रामचन्द्र शुक्ल' कहे जानेवाले महान समालोचक और विद्वान आचार्य रमानाथ झा के भतीजे और इंडियन नेशन अखबार के राँची के वरिष्ठ और यशस्वी पत्रकार रह चुके स्व.बोधनाथ झा के बड़े बेटे ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) अरुण पराशर का आज राँची स्थित निजी आवास पर निधन हो गया । आज सुबह घर के आगे कुर्सी पर बैठकर अरुण धूप सेंक रहे थे । अचानक गिर पड़े । उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।
अरुण पराशर छात्रावस्था में ही एनसीसी के कैडेट बने और बिहार & झारखंड एनसीसी निदेशालय अन्तर्गत राँची एनसीसी ग्रुप से इन्होंने "सी" सर्टिफिकेट प्राप्त किया । स्नातक होने के बाद इन्होंने सेना में जाकर देश की सेवा करने का निश्चय किया और तैयारी कर यूपीएससी की परीक्षा में बैठे । अपनी मेधा के बल पर सेना में चयनित होकर सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर 18 कुमाऊँ रेजीमेंट में अपना योगदान दिया । कुछ ही दिनों के बाद स्वर्ण मंदिर परिसर में हुए "ऑपेरशन ब्लूस्टार" में इनकी कंपनी को भेजा गया, जहाँ इनका काम काफी बहादुरी वाला और प्रशंसनीय रहा । उसके बाद श्रीलंका में जब तनाव पैदा हुआ तो भारत ने Indian Peace Keeping Force वहाँ भेजा । इस फ़ोर्स में भी अरुण पराशर ने श्रीलंका में अपनी बहादुरी के झंडे गाड़े । वहाँ से लौटते के बाद इन्हें 'सेना मेडल' से नवाज़ा गया । धीरे-धीरे इनका ओहदा बढ़ता गया और ब्रिगेडियर रैंक पर आने के बाद ये रिटायर हुए । दरभंगा के धर्मपुर (उजान) गाँव और मधुबनी के सरिसब-पाही स्थित इनके ननिहाल में ब्रिगेडियर अरुण के असामयिक निधन पर शोक की लहर है ।
कर्नल (रिटायर्ड) डॉ. एस.के.झा, डॉ. मित्रनाथ झा, सुमन झा, डॉ. अनुराग मिश्र, प्रो.जगदीश मिश्र, डॉ. विद्यानंद झा, सरोज कुमार झा, तेजकर झा, श्रुतिकर झा, डॉ. मधुकर झा सहित सैकड़ों लोगों ने मिथिलांचल के इस वीर सपूत के असामयिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की हैं ।
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