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शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

भारतीय सैनिकों के अनुशासन,साहस,असीम धैर्य और कुशल नेतृत्व का फल है कारगिल विजय : ग्रुप कैप्टेन ठाकुर

 भारतीय सैनिकों के अनुशासन, साहस,असीम धैर्य और कुशल नेतृत्त्व का फल है कारगिल विजय : ग्रुप कैप्टेन आई.बी.ठाकुर





रिपोर्ट : उदय कुमार झा

मधुबनी : 26:07:2024






25 वर्षों पहले पाकिस्तान ने कारगिल में छद्म युद्ध शुरू किया तो उसका समापन भारतीय सेना के पराक्रम से लिखा गया । जनरल परवेज़ मुशर्रफ की ख्वाहिश थी भारतीय भूमि पर छद्म रूप से हमला कर हथियाने की ,लेकिन 500 से ज्यादा भारतीय जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारतीय सीमा की रक्षा कर शौर्य और पराक्रम का नया इतिहास रचा । फलतः 26 जुलाई 1999 को कारगिल युध्द जीता गया और पाकिस्तान के ढाई हजार से ज्यादा सैनिक मारे गए ; उक्त बातें 34 बिहार बटालियन एनसीसी, मधुबनी द्वारा आयोजित कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कारगिल की लड़ाई में दुश्मन की सेना पर मिग विमानों से बमवर्षा करनेवाले तत्कालीन स्क्वाड्रन लीडर और पश्चात ग्रुप कैप्टेन के रूप में प्रोन्नत आई.बी.ठाकुर ने आर.के.कॉलेज के सेमिनार हॉल में कैडेटों एवं जवानों को सम्बोधित करते हुए कही । बेनीपट्टी प्रखण्ड के बरहा निवासी ग्रुप कैप्टेन ठाकुर 19 अगस्त 1982 में भारतीय वायुसेना में एक अफसर के रूप में कमीशंड हुए और कारगिल की लड़ाई में सक्रिय भाग लिया था । कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ए.के.मण्डल ने एनसीसी कैडेटों को संबोधित करते हुए उन्हें गौतम बुद्ध के जीवन से भी प्रेरणा लेने की बात कही । उन्होंने जीवन में एकता और अनुशासन के महत्त्व पर काफी गंभीरता से अपना विचार रखा । ईएमई के सूबेदार आनरेरी कैप्टेन मोहनचंद्र झा ने कारगिल युद्ध में भाग लिया था । पंडौल के ककना गाँव निवासी आनरेरी कैप्टेन झा ने कहा कि भारतीय सेना विषम परिस्थितियों में भी अपना परचम लहराने में कामयाब हुई, क्योंकि हमारी ट्रेनिंग इतनी कठोर थी कि हम सबकुछ बर्दाश्त करते हुए दुश्मन के पोस्टों पर कब्जा करने में कामयाब हुए । इसी प्रकार, 12 महार रेजीमेंट से सेवानिवृत्त और बेनीपट्टी के नागदह गाँव निवासी सूबेदार मेजर कृष्णकांत झा ने कहा कि उनके बटालियन की एक कंपनी को दुश्मनों ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया । फिर नए सीओ के साथ मैं जवानों को लेकर अपनी पोस्ट पर गया और भीषण लड़ाई में दुश्मनों पर हमारी यूनिट भारी पड़ी । पाकिस्तानी जवान अपना रशद भी छोड़कर भाग खड़े हुए । हमलोग इस पोजीशन पर थे कि अगर हमारा नेतृत्त्व चाहता तो हम पाकिस्तान के कई इलाकों पर कब्जा कर लेते, किन्तु हमारा नेतृत्त्व अत्यंत विवेकशील था । विषम परिस्थितियों में भी बुलन्द हौसलों के बल पर हम जीतकर आए और आज हम ऑपेरशन विजय का रजत जयन्ती समारोह मना रहे हैं ।  कार्यक्रम में आए सभी वीरों का अभिनन्दन 34 बिहार बटालियन एनसीसी के कमांडिंग अफसर कर्नल नितिन झा ने किया और मंच संचालन कैप्टेन मनोज चौधरी ने किया । कारगिल युद्ध पर एक लघु चलचित्र का प्रदर्शन किया गया ।

      इस अवसर पर 34 बिहार बटालियन एनसीसी के सूबेदार मेजर के.बी.आले, ट्रेनिंग जेसीओ सूबेदार संजय कुमार, नायब सूबेदार कमल गुरुंग सहित सभी जेसीओ एवं एनसीओ, जीसीआई निधि, सेकंड अफसर मो.शमशीर, सेकंड अफसर एस.एन.के.शर्मा, सीनियर कैडेट राघवेन्द्र कुमार, मनीष कुमार सिंह, प्रत्यक्षा प्रिया, काजल कुमारी, लक्ष्मी कुमारी सहित सीनियर एवं जूनियर डिवीज़न के दो सौ तथा सीनियर एवं जूनियर विंग की एक सौ कैडेट - कुल तीन सौ कैडेट उपस्थित थे । साथ ही भूतपूर्व सैनिक संघ के भी कई सदस्य उपस्थित थे । कार्यक्रम के सफल संचालन में अरविंद कुमार, महेश कुमार एवं अशोक कुमार की अच्छी भूमिका रही ।

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