जैविक खेती से ही बदलेगी अर्थव्यवस्था, किसानों ने ठानी ऑर्गेनिक फॉर्मिंग अपनाने की राह
*मधुबनी सिटी रिपोर्टर संदीप कुमार*
जिले के बथने गांव में शिव शक्ति कृषि संगठन के तत्वावधान में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को ऑर्गेनिक फॉर्मिंग यानी जैविक खेती के प्रति जागरूक करना था। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि मिथिलांचल की समृद्धि और बिहार की अर्थव्यवस्था का आधार किसान हैं, और यदि वे जैविक खेती अपनाएं, तो राज्य की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में व्यापक सुधार लाया जा सकता है।
विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का उल्लेख करते हुए कहा कि दीर्घकालीन कृषि और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब रासायनिक खेती की बजाय जैविक खेती को बढ़ावा देना जरूरी है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के कारण भूमि की उर्वरता में गिरावट आई है और किसानों को उत्पादन के साथ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी झेलने पड़ रहे हैं।
कार्यक्रम में बथने गांव के किसान संतोष कुमार राय को उनकी उत्कृष्ट जैविक खेती के लिए 'उत्तम कृषक पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाकर संतोष ने अन्य किसानों को भी जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया।
संगोष्ठी में आए विक्रय प्रतिनिधि सुमन पासवान सही अन्य किसानों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि अब वे जैविक खेती को अपनाएंगे और रासायनिक खेती से दूर रहेंगे। ग्रामीणों की उपस्थिति और उत्साह से यह साफ हो गया कि जैविक खेती की ओर बढ़ते कदम अब ठोस परिवर्तन लाएंगे।
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