गीता ज्ञान के आध्यात्मिक रहस्य द्वारा जीवन जीने की कला प्रवचन माला सह द्वादश ज्योतिलिंगम में लोगों को आने की की गई अपील .... प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय
*गीता दर्शन: आत्मिक शांति और सकारात्मक जीवन की ओर एक कदम*
लहरियागंज स्थित ब्रह्मकुमारीज स्वदर्शन भवन में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बी के राजयोगिनी कंचन दीदी ने बताया कि वह समर्पित रूप से ईश्वरीय सेवा में लगी हुई हैं। उन्होंने गीता ज्ञान के आध्यात्मिक रहस्यों को जीवन जीने की कला के रूप में प्रस्तुत किया और इसे समाज के हर वर्ग के लिए महत्वपूर्ण बताया।
प्रजा पिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित 'गीता ज्ञान के आध्यात्मिक रहस्य द्वारा जीवन जीने की कला' के इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन शुक्रवार को तिलक चौक स्थित एक होटल परिसर में किया जाएगा। सात दिवसीय इस कार्यक्रम में विशेष रूप से श्री मद भगवद गीता के अद्भुत और दिव्य संदेशों का प्रचार किया जाएगा।
13 जून को शहर के प्रमुख स्थानों – शंकर चौक, स्टेशन चौक और थाना चौक से भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं की भारी संख्या के बीच वापस अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचेगी। इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को आध्यात्मिक जागरूकता और गीता के महत्व से परिचित कराना है।
14 से 20 जून तक, हर शाम 4:30 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जिसमें सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, शहर के प्रबुद्ध नागरिक और स्थानीय लोग भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र में श्री मद भगवद गीता के अद्भुत ज्ञान पर चर्चा होगी, और यह कार्यक्रम रात 8 बजे तक चलेगा। इस अवसर पर उपस्थित लोग गीता के संदेशों को आत्मसात करने का प्रयास करेंगे।
इसके अलावा, 16 से 20 जून तक तनाव और नशा मुक्ति के लिए विशेष स्टाल भी लगाए जाएंगे, जो शाम 6:30 से 8 बजे तक संचालित होंगे। इन स्टालों का उद्देश्य समाज में मानसिक शांति और नशामुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाना है।
यह कार्यक्रम न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज को सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन सकता है।
मौके पर शिक्षिका मीना दीदी संगीता बहन विभा बहन वरिष्ठ शिक्षक ब्रजराज भाई दरभंगा से सुधाकर भाई माउंट आबू ब्रह्माकुमारी मुख्यालय एवं प्रेस कोऑर्डिनेटर रंजीत भाई मौजूद थे।
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