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रविवार, 13 जुलाई 2025

कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा के क्षेत्र में हर्षवर्द्धन ने इंग्लैंड में लहराया भारत का परचम

 कम्प्यूटर विज्ञान की शिक्षा के क्षेत्र में इंग्लैंड में भारत का परचम लहराया भदुआर के हर्ष ने 




रिपोर्ट : उदय कुमार झा

मधुबनी : 13:07:2025


मधुबनी ज़िला के झंझारपुर अनुमंडल अन्तर्गत भदुआर गाँव के लाल ने पूरी दुनिया में कंप्यूटर विज्ञान शिक्षा के लिए प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन ( यूसीएल) द्वारा आयोजित कंप्यूटर साइंस ऑनर्स की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे इलाके का नाम रोशन कर दिया है । विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ गिने-चुने श्रेष्ठ संस्थानों में इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन का नाम कंप्यूटर शिक्षा के लिए जाना जाता है । पूरी दुनिया से 140 छात्र-छात्राओं का चयन कर यहाँ कम्प्यूटर विज्ञान की शिक्षा दी जाती है । झंझारपुर अनुमंडल के भदुआर गाँव निवासी डॉ. धनेश मिश्र के पौत्र एवं पारस अस्पताल, गुरुग्राम के श्वसन रोग विभाग के मुख्य चिकित्सक डॉ. अरुणेश कुमार (एमआरसीपी, एफआरसीपी) तथा श्रीमती स्वाति झा के एकमात्र पुत्र हर्षवर्धन मिश्र ने यूसीएल द्वारा आयोजित कंप्यूटर साइंस ऑनर्स की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर पूरी दुनिया से आए 140 छात्र-छात्राओं के बीच भारत की श्रेष्ठता सिद्ध की है ।


 दरभंगा में 16 जून, 2004 ई.को जन्मे हर्षवर्धन ने 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा "द ब्रिटिश स्कूल", चाणक्यपुरी, नई दिल्ली से 100% अंकों से उत्तीर्ण किया था एवं उसकी इस उपलब्धि पर ब्रिटिश उच्चायुक्त ने 2022 ई.में स्कूल पहुँचकर उसे सम्मानित किया था । उसके बाद हर्षवर्धन का चयन विश्व के श्रेष्ठ संस्थानों में परिगणित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में विश्व के सर्वश्रेष्ठ 140 छात्र-छात्राओं में किया गया और कंप्यूटर साइंस ऑनर्स की परीक्षा में बाँकी 139 छात्र-छात्राओं पर भारी पड़कर - एक बिहारी सौ पर भारी को भी झुठलाते हुए - एक बिहारी दुनिया पर भारी - को चरितार्थ कर दिया । उसकी इस उपलब्धि पर हर्ष के माता-पिता, दादा के साथ ही सभी रिश्तेदार एवं समाज के लोग गर्व का अनुभव कर रहे हैं । अपनी इस शानदार उपलब्धि का श्रेय हर्ष अपनी माँ स्वाति एवं पिता डॉ. अरुणेश के साथ ही सभी गुरुजनों को देता है । सबसे बड़ी बात कि हर्षवर्द्धन ने कभी ट्यूशन या कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई नहीं की । स्कूल से आने के बाद वह अपनी माँ स्वाति झा से ही इस महान उपलब्धि तक पढ़ता रहा । इंग्लैंड में रहते हुए वह वीडियो कॉल पर अपनी माँ से पढ़ाई के बारे में बातें करता रहता था ।

 कम्प्यूटर साइंस से स्नातक होने के बाद उसके पास नौकरियों के कई ऑफर आए, किन्तु उसने बताया कि वह नोमुरा इंटरनेशनल पीएलसी (लंदन) द्वारा दिए गए जॉब ऑफर को स्वीकार करते हुए आगामी 25 जुलाई, 2025 को  क्वांट एनालिस्ट के पद पर अपना योगदान देने जा रहा है । 

 ज्ञात हो कि हर्षवर्धन मिश्र के दादा डॉ. धनेश मिश्र बिहार सरकार में चिकित्सा पदाधिकारी थे और नाना प्रो.उग्रदेव झा एलएनजे कॉलेज, झंझारपुर में अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष थे । दोनों परिवारों में अभी खुशी का माहौल व्याप्त है ।

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