द उम्मीद की अनूठी पहल: फर्स्ट एड वर्कशॉप में युवाओं ने सीखी जिंदगी बचाने की तकनीकें
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
समस्तीपुर जिले के पूर्ववर्ती राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और एनसीसी कैडेट्स द्वारा संचालित सामाजिक संस्था द उम्मीद के 15 दिवसीय सोशल समर इंटर्नशिप के अंतिम दिन युवाओं और इंटर्न्स के लिए फर्स्ट एड (प्राथमिक चिकित्सा) पर विशेष वर्कशॉप का आयोजन फेथ हॉस्पिटल में किया गया। वर्कशॉप का नेतृत्व प्रसिद्ध चिकित्सक एवं द उम्मीद मेडिकल कोर के अध्यक्ष डॉ. सोमेंदु मुखर्जी ने किया।
डॉ. मुखर्जी ने कहा, “भारत में हर साल लगभग डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में लोग अक्सर असमंजस में रहते हैं या सिर्फ दर्शक बने रहते हैं। ऐसे में फर्स्ट एड का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ सरल प्रक्रियाओं की मदद से अनगिनत जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।”
उन्होंने CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) और अन्य महत्वपूर्ण जीवनरक्षक तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि संकट के समय तुरंत और सही कदम कैसे उठाना चाहिए।
द उम्मीद के उपाध्यक्ष आदेश कुमार ने कहा, “युवाओं के लिए फर्स्ट एड का प्रशिक्षण न केवल जीवन रक्षक है, बल्कि यह आत्मविश्वास भी प्रदान करता है कि वे किसी भी आपात स्थिति का सामना कर सकते हैं और दूसरों की मदद के लिए तत्पर रह सकते हैं।”
द उम्मीद के बोर्ड मेम्बर नवनीत कुमार ने वर्कशॉप की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की और फेथ हॉस्पिटल तथा डॉ. सोमेंदु मुखर्जी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि इस वर्कशॉप के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं ने फर्स्ट एड का एकदिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिससे वे न केवल स्वयं की सुरक्षा कर पाएंगे, बल्कि समाज के अन्य लोगों की सहायता के लिए भी हमेशा तैयार रहेंगे।
इस वर्कशॉप में NSS और एनसीसी के युवाओं ने भी सक्रिय भागीदारी दिखाई। द उम्मीद संस्था का उद्देश्य0 युवाओं में सामाजिक जागरूकता पैदा करना, उन्हें कौशल आधारित प्रशिक्षण देना और समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करना है। मौके पर द उम्मीद के बोर्ड मेम्बर हरि माधव, मंदिरा पालित ,खुशबू सुमन, प्रियंका, अंजलि, रौशन, धीरज, राहुल, सौम्या , रिया, अमित आदि उपस्थित थे ।
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