आज के डिजिटल युग में भी सरिसब-पाही में नाट्य कला जीवन्त
रिपोर्ट : उदय कुमार झा
30:10:2025
मधुबनी : पंडौल प्रखंड अन्तर्गत सरिसब-पाही में आज के डिजिटल मनोरंजन के युग में भी नाट्यकला एवं नाटक मंचन जीवन्त बना हुआ है । श्री श्री 108 महावीर स्थान नाट्यकला परिषद, पाहीटोल में 1968 ई. में स्थापित की गई। सारस्वत साधकों के इस क्षेत्र में पहले कई नाटक संस्था थी जो काल के प्रवाह के साथ विलुप्त होती गई। किन्तु, यह संस्था इसलिए जीवन्त है क्योंकि इसमें आज के युवा जुड़ते गए और क़ारवाँ बढ़ता ही गया ।
हर वर्ष छठ के शुभ अवसर पर श्री श्री 108 महावीर स्थान नाट्यकला परिषद द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही मैथिली एवं हिन्दी नाटक का मंचन किया जाता है । इस वर्ष भी 27 अक्टूबर को बच्चों का हास्य नाटक "आब कहू मोन केहन लगैए" का मंचन बच्चों द्वारा किया गया और बच्चों ने इसके मंचन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वहीँ 28 अक्टूबर की रात ऐतिहासिक नाटक "जहलमे टांगल मोन" का मंचन किया गया।
इस नाटक में कलाकार के रूप में प्रशांत मिश्र, मोनू मिश्र, चन्दन मिश्र, आलोक मिश्र, सुकुल मिश्र आदि ने अपनी अभिनय प्रतिभा प्रदर्शित कर दर्शकों से प्रशंसा पाई। यह नाट्य संस्था 1968 ई. से लगातार नाटक मंचन करती रही है, केवल 1984 ई. को छोड़कर क्योंकि उस वर्ष इसी समय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या कर दी गई थी और देश में शोक का माहौल था। इस प्रकार, अपनी परम्परा का बखूबी निर्वाह इस संस्था द्वारा निरंतर होता आ रहा है ।






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